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न्यूज क्लिपिंग्स् | किसानों के दर्द से व्यवसायियों के सम्मान में चोट

किसानों के दर्द से व्यवसायियों के सम्मान में चोट

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published Published on Jan 7, 2016   modified Modified on Jan 7, 2016
अंबिकापुर(निप्र)। सरगुजा में सब्जी उत्पादक किसानों द्वारा संगठन बनाए जाने एवं स्वयं सब्जी बेचने के निर्णय से किसानों एवं थोक कारोबारियों में टकराव की स्थिति निर्मित हो गई है। सब्जी उत्पादक किसानों द्वारा मांगों,समस्याओं के निराकरण के लिए नवगठित संगठन बनाए जाने एवं थोक कारोबारियों द्वारा शोषण को लेकर किसानों का दर्द उठाए जाने पर थोक कारोबारियों के सम्मान व स्वाभिमान में चोट पहुंची। नतीजा यह हुआ कि बुधवार को लगभग आधे दिन तक संभाग की सबसे बड़ी अंबिकापुर की सब्जी मंडी बंद रही और ग्रामीण क्षेत्रों से आए सैकड़ों किसानों को मंडी से निराश लौटना पड़ा। दोनों संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों तथा व्यवसायियों और सब्जी उत्पादकों की मौजूदगी में हुई बहस के बाद मामला तब शांत हुआ जब सब्जी उत्पादक किसानों के संगठन से जुड़े लोगों ने थोक कारोबारियों से कहा कि यदि उनकी भावनाओं से ठेंस पहुंची है तो वे माफी मांग रहे हैं। दोपहर 12 बजे के बाद विवाद शांत हुआ और मंडी में खरीद-बिक्री शुरू हो सकी।

सरगुजा के सब्जी उत्पादक किसानों और थोक कारोबारियों के संगठन किसानमित्र व्यापारी संघ के बीच टकराव और विवाद की वजह थोक कारोबारियों पर लगे आरोप रहे। पिछले दिनों लुंड्रा क्षेत्र के करौली में सब्जी उत्पादक किसानों की बड़ी सभा आयोजित की गई थी जिसमें संभागीय किसान सेवा समिति का गठन किया गया था। लुंड्रा विधायक चिंतामणि महाराज की उपस्थिति में आहूत बैठक में समिति के पदाधिकारियों का चयन करने के साथ ही किसानों के हित में संघर्ष करने का निर्णय लिया गया था। इसी बैठक में कथित रूप से थोक कारोबारियों पर दलाली और सब्जी उत्पादक किसानों के शोषण का आरोप लगा था। यह आरोप सार्वजनिक हुआ तो उसे स्वाभिमान व सम्मान को ठेंस पहुंचाने वाला आरोप निरूपित करते हुए किसान मित्र व्यापारी संघ से जुड़े सब्जी के थोक कारोबारियों ने बुधवार को संभाग की सबसे बड़ी अंबिकापुर की सब्जी मंडी को बंद कर दिया। बगैर किसी पूर्व सूचना के मंडी बंद हो जाने के कारण सुबह से ही गांवों से सब्जी लेकर आए किसानों में अपनी उपज बिक्री को लेकर चिंता गहरा गई। सैकड़ों सब्जी उत्पादक किसान मंडी से अपने खेतों में उत्पादित सब्जियों को लेकर वापस लौट गए। हालांकि किसान मित्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी सब्जी उत्पादक किसानों को आश्वासन देते रहे कि उन्हें एक रूपए का भी नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। आज की सब्जी वे लेंगे भले इसमें उन्हें घाटा सहना पड़े। सब्जी मंडी बंद होने की खबर पर मामले का सुखद पटाक्षेप करने की मंशा से लुंड्रा क्षेत्र के विधायक चिंतामणि महाराज व जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता भी कंपनी बाजार स्थित सब्जी मंडी पहुंचे। यहां थोक सब्जी कारोबारियों के संगठन किसान मित्र व्यापारी संघ के पदाधिकारियों से चर्चा शुरू की गई। किसान मित्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि करौली की बैठक में थोक कारोबारियों पर मनगढ़ंत व झूठे आरोप लगाए गए हैं, जिससे उनके स्वाभिमान व सम्मान पर गहरा आघात लगा है। समाज व बाजार में उनकी बदनामी हुई है। संगठन की मांग है कि आरोप लगाने वाले आरोपों को या तो प्रमाणित करें या फिर लिखित रूप में स्वीकार करें कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। ऐसी परिस्थिति में समस्या का हल आसान नहीं था। आखिरकार सब्जी उत्पादक किसानों के नवगठित संगठन किसान सेवा समिति के पदाधिकारियों से संपर्क किया गया। उन्हें भी अंबिकापुर के कंपनी बाजार स्थित सब्जी मंडी पहुंचकर अपनी भावनाएं स्पष्ट करने आग्रह किया गया,ताकि गलत फहमी दूर हो और सब्जी उत्पादक किसानों व थोक कारोबारियों के बीच वर्षों से चला आ रहे मधूर संबंध बरकरार रह सके। जब संभागीय किसान सेवा समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सहित अन्य पदाधिकारी चर्चा के लिए पहुंचे तो दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया। सब्जी उत्पादक किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे एक पदाधिकारी ने किसानों का आर्थिक शोषण और वादे के अनुरूप सब्जी का दाम नहीं देने का गंभीर आरोप लगाया तो मामला और गरमा गया। दोनों पक्ष एकदूसरे पर गंभीर आरोप लगाने लगे। थोक कारोबारियों के संगठन किसान मित्र व्यापारी संघ ने मांग रखी कि दलाली व शोषण के आरोप को प्रमाणित करें या फिर लिखित में माफी मांगें कि उन्होंने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है। सब्जी उत्पादक किसानों के संगठन संभागीय किसान सेवा समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि वे लिखित में ऐसी जानकारी नहंी दे सकते। जहां तक थोक कारोबारियों पर आरोपों का मामला है, उन्होंने कोई बयान लिखित रूप से जारी ही नहीं किया है। क्या सार्वजनिक किया गया?इससे उन्हें कोई लेनादेना नहीं। लेकिन वे किसानों का दर्द दूर करने के लिए संकल्पित हैं। यदि इसके बावजूद थोक कारोबारियों को आघात पहुंचा है तो वे माफी मांगने तैयार हैं। संघ के एक पदाधिकारी ने तो सैकड़ों लोगों की भीड़ की मौजूदगी में थोक कारोबारियों से वर्षों पुराने मधूर संबंध का जिक्र करते हुए बड़े भाई के रूप में पैर छूकर माफी मांगने तक की पेशकश कर दी। काफी देर तक हो-हल्ला, हंगामा के बीच दोनों पक्षों के बीच चर्चा चलती रही और मौखिक रूप से सब्जी उत्पादक किसानों के प्रतिनिधियों द्वारा क्षमायाचना के बाद मामला शांत हुआ। दोपहर 12 बजे के बाद मंडी का कामकाज शुरू हो सका और किसानों को राहत मिली। हालांकि किसान मित्र व्यापारी संघ द्वारा पहले ही ऐलान किया गया था कि वे किसानों को एक रूपए का भी नुकसान नहीं होने देंगे। जो किसान मंडी में सब्जी लेकर आएं हैं उनकी सब्जियां ली जाएंगी और आज के दर पर ही भुगतान किया जाएगा। भले कल उसकी मार्केटिंग की जाए और रेट कम हो उसके बावजूद किसानों को घाटा नहीं होने दिया जाएगा।

खाद, बीज सब कराते हैं उपलब्ध-

सब्जियों के थोक कारोबारियों के संगठन किसान मित्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी गुप्ता ने बैठक में कहा कि उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार व झूठे हैं। किसान मित्र व्यापारी संघ हमेशा से किसानों का हितैषी रहा है। आज की स्थिति में थोक कारोबारियों द्वारा छोटे सब्जी उत्पादक किसानों को खेती के लिए खाद, बीज के साथ नगद धनराशि भी दी जाती है। सब्जियों का उत्पादन हो जाने के बाद बारदाना, रस्सी व दूसरे संसाधन भी उपलब्ध कराए जाते हैं,ताकि जब खेतों में उपज तैयार हो तो मंडी में उसे लाने किसानों को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा का किसान और व्यवसायी एक दूसरे के पूरक हैं। किसानों के हितों की रक्षा में व्यवसायी कभी पीछे नहंी रहे। हर सुख-दुख की घड़ी में हमने उनका साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे। ऐसे सौहार्द्रपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद दलाली व शोषण का आरोप लगेगा तो दुख होना स्वभाविक है। इसी दुख के कारण विरोध स्वरूप हमने मंडी बंद रखी है। लक्ष्मी गुप्ता ने कहा कि दुखी होकर उन्हें विरोध स्वरूप मंडी बंद करने का निर्णय लेना पड़ा।

मुनाफा की बात नहीं करते कारोबारी-

बैठक में सब्जी उत्पादक किसानों की ओर से व्यापारियों पर भी गंभीर आरोप लगे। सरगुजा के प्रमुख सब्जी उत्पादक किसानों में शामिल लुंड्रा के रघुरेस प्रसाद ने जब कहा कि सिर्फ बाते होती हैं कि किसान व व्यापारी एक-दूसरे के पूरक हैं लेकिन किसानों के हितों की चिंता किसी को नहीं है। व्यापारी हमेशा घाटे की बात करता है, जब उसे मुनाफा होता है तो उसका जिक्र कभी नहीं करता। किसान तो हमेशा से घाटा सहता रहा है। सब्जी उत्पादक किसानों का शोषण उनसे दुर्व्यवहार का आरोप लगते ही बैठक में शोर-शराब शुरू हो गया व दोनों पक्ष के लोग आमने सामने आ गए। ऐसे में विधायक चिंतामणि महाराज, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता, किसान मित्र व्यापारी संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी गुप्ता व संभागीय किसान सेवा समिति से जुड़े पदाधिकारियों को हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराना पड़ा। काफी देर तक बैठक में शोर-शराबा व हंगामे की स्थिति बनी रही।

सैकड़ों किसान निराश होकर लौटे-

बगैर किसी पूर्व सूचना बुधवार को सब्जी मंडी बंद रहने से सरगुजा के सब्जी उत्पादक किसान सहम उठे। रात से ही ट्रकों और मालवाहक वाहनों से दूर-दराज से सब्जियां मंडी पहुंच चुकी थी। उन्हें अनलोड भी नहीं किया गया था। साईकिल, मोटरसाईकिल से खेतों मे ंउपजाई गई सब्जियों को लेकर मंडी में पहुंचे किसानों को जब पता चला कि मंडी बंद है तो नुकसान के भय से सैकड़ों किसान मंडी से निराश होकर लौट गए,ताकि दैनिक सब्जी बाजार व दूसरे स्थानों पर वे अपनी सब्जियां बेच सकें। सैकड़ों किसान ऐसे भी थे जो मंडी खुलने के इंतजार में थे। जब दोनों पक्षों के बीच चर्चा के बाद मामले का पटाक्षेप हुआ तो ऐसे किसानों ने मंडी में अपनी उपज बेची। तब जाकर उन्हें राहत मिली। चर्चा के दौरान सरगुजा के सब्जी उत्पादक किसान भी बड़ी तादाद में मौजूद रहे।

प्रशासन की पहुंच अब भी दूर-

बुधवार को हुए घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि जिले में सब्जी उत्पादक किसानों का संगठन और थोक कारोबारियों का संगठन आमने-सामने आ गया है। सरगुजा के सब्जी उत्पादक किसानों को उनका वाजिब हक न मिल पाने की शिकायत पुरानी है। ऐसी परिस्थिति में भी सब्जी मंडी, प्रशासन की पहुंच से दूर है। वहां किसानों के बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम आज तक नहीं हो सका है। बुधवार को दोनों संगठन के पदाधिकारी आमने-सामने थे। सुबह से मंडी बंद थी। हजारों की भीड़ थोक सब्जी मंडी में मौजूद थी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोतवाली का पुलिस बल तो मुस्तैद था लेकिन प्रशासन का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी न तो मौके पर पहुंचा और न ही यह जानने की कोशिश की कि मंडी बंद होने की वजह क्या है?

बयान-

लुंड्रा के करौली में सब्जी उत्पादक किसानों की आहूत बैठक में मैं भी मौजूद था। बैठक में किसानों की समस्याओं पर चर्चा हुई थी। थोक व्यवसायियों पर कोई आरोप नहीं लगा था। मैं मानता हूं कि गलतफहमी के कारण ऐसी परिस्थिति निर्मित हुई। दोनों पक्षों के बीच बैठक के बाद मामले का पटाक्षेप हो गया है। यह स्थिति किसानों और सब्जी उत्पादकों के हित में नहीं है। दोनों के बीच जितना मधूर संबंध होगा, व्यवसाय उतनी ही तरक्की करेगा।

चिंतामणि महाराज

विधायक लुंड्रा

बयान-

आज हुए घटनाक्रम से सब्जी उत्पादक किसान हतोत्साहित हुए हैं। यदि व्यापारियों को कोई समस्या थी तो उन्हें किसानों को विश्वास में लेकर या फिर कम से कम सूचना देकर मंडी बंद करना था। यह परिस्थिति दोनों के हित में नहीं है। अपने संगठन के नाम अनुरूप कार्य करने की जरूरत है।

राकेश गुप्ता

जिला पंचायत सदस्य

 


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