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न्यूज क्लिपिंग्स् | कूड़े से बनी बिजली रोशन कर रही 40 हजार घर

कूड़े से बनी बिजली रोशन कर रही 40 हजार घर

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published Published on Oct 31, 2014   modified Modified on Oct 31, 2014

ओखला स्थित देश का एकमात्र वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र हर दिन 2000 मीट्रिक टन कचरे का इस्तेमाल करके तीन लाख 84 हजार यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा करता है। औसतन एक घर में रोजाना 10 से 12 यूनिट बिजली खपत होती है। यह बिजली 40 हजार घरों को रोशन कर रही है। अगर पूरी दिल्ली से उठने वाले 9500 मीट्रिक टन कचरे से बिजली बना दी जाए तो करीब दो लाख घर रोशन हो सकते हैं।

राजधानी दिल्ली में कुल मिलाकर 35 लाख से ज्यादा घर होने का अनुमान तीनों नगर निगमों का है। दिल्ली में घरों, कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सभी को मिलाकर सामान्य तौर पर एक दिन में 3200 मेगावॉट बिजली की मांग रहती है। इन घरों से करीब साढ़े नौ हजार मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इस कूड़े का इस्तेमाल करके बनी बिजली लगभग दो लाख घरों के काम आ सकती है।

दिल्ली में कचरे को कहां डाला जाए, यह एक बड़ी समस्या है। ऐसे में कचरे से बिजली बनाने की योजना तैयार की गई। इसके प्लांट के लिए दिल्ली सरकार ने आईटीएफ ईकोपोलिस कंपनी से 25 साल के लिए एक समझौता किया। कंपनी ने 27 जनवरी 2012 में कचरे से बिजली का उत्पादन शुरू किया। ओखला में बना यह संयंत्र अब तक 300707 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर चुका है। यहां बनी बिजली को ट्रांसमिशन लाइन के जरिए डिस्कॉम के पास भेजा जाता है।

राजधानी में और भी संयंत्रों का हो रहा निर्माण
ओखला संयंत्र के अलावा गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बन रहे संयंत्र के अगले कुछ महीनों में शुरू होने की उम्मीद है। यहां पर 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। जबकि, नरेला-बवाना लैंडफिल साइट पर भी ऐसा ही संयंत्र बनाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद अपने क्षेत्र में दो जगहों पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने की योजना पर काम कर रही है।

कचरे का ढेर बनने से रोका
ओखला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट ढाई सालों में 16 लाख मीट्रिक टन कचरे को निस्तारित कर चुका है। अगर इस कचरे को लैंडफिल साइट में रखा जाता तो कम से कम 18 एकड़ जमीन पर 30 मीटर ऊंचा कूड़े का पहाड़ खड़ा हो चुका होता। आईटीएफ ईकोपोलिस के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर राकेश कुमार अग्रवाल बताते हैं कि ओखला प्लांट जर्मनी की तकनीक पर बना है। इसके लिए मशीने चीन से मंगाई गई हैं।


http://www.livehindustan.com/news/desh/mustread/article1-Power-Okhla-Waste-to-Energy-Plant-business-establishments-government-production-transmission-line-39-332-458330.html


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