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न्यूज क्लिपिंग्स् | डीजल सब्‍सि‍डी का सच, सरकार-कंपनि‍यों को मुनाफा, ग्राहकों का नुकसान, जानें क्‍यों

डीजल सब्‍सि‍डी का सच, सरकार-कंपनि‍यों को मुनाफा, ग्राहकों का नुकसान, जानें क्‍यों

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published Published on Aug 4, 2014   modified Modified on Aug 4, 2014

नई दि‍ल्‍ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है और सरकार तेल कंपनि‍यों को इसकी बि‍क्री पर हो रहे नुकसान (26 जून 2010 से पेट्रोल की कीमत डीरेगुलेट हो चुकी है) पर करोड़ों रुपए की नकद सब्‍सि‍डी दे रही है। हालांकि‍, अब तेल कंपनि‍यों को पेट्रोल-डीजल की बि‍क्री पर होने वाला नुकसान केवल 1.33 रुपए रह गया है। वहीं, हाल ही में कंपनि‍यों ने डीजल के दाम में 0.50 पैसे प्रति‍ लीटर इजाफा किया था। इसके बावजूद इस सब्‍सि‍डी का फायदा ग्राहकों को नहीं मि‍ल रहा है। अब भी ग्राहक कम क्‍वालि‍टी वाले पेट्रोल और डीजल पर ज्‍यादा पैसा खर्च कर रहे हैं।

वि‍शेषज्ञों ने भी माना, ग्राहक को नहीं मि‍लती सब्‍सि‍‍डी

पेट्रोलि‍यम प्रोडक्‍ट्स की कीमत पर पारि‍ख समि‍ति‍ की रि‍पार्ट का विश्‍लेषण करने के बाद यह साफ हो जाता है है भारतीय ग्राहक कम क्‍वालि‍टी वाले पेट्रोल और डीजल पर ऊंची कीमत अदा करते हैं। वहीं, अमेरि‍का और जापान में स्थिति विपरीत है। इन देशों में डीजल पर टैक्स की दर कम है। पेट्रोल और डीजल की खरीद पर अधि‍कांश हि‍स्‍सेदारी टैक्‍स की रहती है जि‍से केंद्र और राज्‍य सरकारें वसूलती हैं।

जनता से वसूली, कंपनियोें को मुनाफा

राज्‍य सरकार पेट्रोलि‍यम प्रोडक्‍ट्स पर कई तरह के टैक्स लगाती है। अगर सि‍र्फ केंद्र सरकार के टैक्स की आय देखी जाए तो कहानी कुछ और ही नि‍कलेगी। पेट्रालि‍यम प्रोडक्‍ट्स पर एक्‍साइज ड्यूटी, कस्‍टम ड्यूटी, क्रूड ऑयल पर सेस, इनकम टैक्‍स, तेल कंपनि‍यों द्वारा दि‍ए जा रहे डि‍वि‍डेंट और डि‍वि‍डेंट डि‍स्‍ट्रि‍‍ब्‍यूशन टैक्‍स पेड के अलावा ऑयल एक्‍सप्‍लोरेशन से होने वाले मुनाफे के जरि‍ए केंद्र सरकार की आमदनी होती है।

साल 2012-13 में केंद्र सरकार को 1,17,422 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इसके मुकाबले सरकार ने तेल वि‍पणन कंपनि‍यों को नकद सहायता के रूप में 1,00,000 करोड़ रुपए दि‍ए, यानी सरकार के पास अति‍रि‍क्‍त 17,422 करोड़ रुपए मौजूद हैं। 2011-12 में सरकार को पेट्रोलि‍यम प्रोडक्‍ट्स और कंपनि‍यों से 1,19,850 करोड़ रुपए मि‍ले। तेल कंपनि‍यों को नकद सहायत में सरकार ने 83,500 करोड़ रुपए दि‍ए। इसके बाद सरकार के पास 36,350 करोड़ रुपए बच गए।

ऐसा ही हाल 2013-14 के पहले नौ महीनों में भी देखने को मिला। तेल कंपनि‍यों को 35,772 करोड़ रुपए दि‍ए गए जबकि‍ आय 83,619 करोड़ रुपए की रही। सरकार के पास 47,847 करोड़ रुपए अति‍रि‍क्‍त बचे और पेट्रोलि‍यम प्रोडक्‍ट्स पर ग्राहकों को कि‍सी प्रकार की कोई सब्‍सि‍‍डी नहीं मि‍ली।

http://money.bhaskar.com/article-ht/NR-PAP-the-truth-behind-subsidy-know-why-it-gives-profit-to-psus-and-loss-for-customers-4700598-NOR.html


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