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न्यूज क्लिपिंग्स् | तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र का होगा उपचार

तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र का होगा उपचार

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published Published on Jan 11, 2011   modified Modified on Jan 11, 2011

रायपुर। छत्तीसगढ़ में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 337 करोड़ रुपये की लागत से लगभग तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र को उपचारित किया जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्त्रम के तहत 71 परियोजनाओं को केंद्र द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है, जिसकी लागत 337 करोड़ 14 लाख 96 हजार रुपये है। इन परियोजनाओं के माध्यम से आगामी पांच सालों में दो लाख 80 हजार 985 हेक्टेयर क्षेत्र को उपचारित किया जाएगा।

पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जल प्रबंधन कार्यक्त्रम के तहत सभी परियोजनाओं के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की मदद से पूरे राज्य का भू-गर्भीय सूचना प्रणाली नक्शा तैयार करवाया गया है।

नक्शे का विश्लेषण कर यह पता लगाया गया है कि कहां बारिश कम हुई है, जंगल, पानी के रिसाव और मिट्टी के कटाव को रोकने के इंतजाम कितने पुख्ता है। वहीं पड़त भूमि का पता भी उपग्रह के नक्शों से लगाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि नक्शों के आधार पर ही परियोजना क्षेत्र में भूमि की उर्वरता को बढ़ाने के साथ-साथ बरसात में व्यर्थ बह जाने वाले पानी को रोकने के लिए संरचनाएं निर्मित की जाएगी। जिससे ज्यादा से ज्यादा पानी जमीन के अंदर पहुंचेगा और मिट्टी का कटाव भी रुकेगा। परियोजना क्षेत्र में वाटरशेड समिति के सदस्यों की आजीविका के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्त्रम के स्वीकृत परियोजनाओं में सरगुजा जिले की नौ, कोरिया जिले की चार, जशपुर जिले की पांच, कोरबा जिले की चार, जांजगीर-चांपा जिले की सात, रायगढ़ जिले की सात, बिलासपुर जिले की पांच, राजनांदगांव जिले की तीन, कबीरधाम जिले की चार, दुर्ग जिले की दो, रायपुर जिले की दो, महासमुंद जिले की छह, कांकेर जिले की चार, बस्तर जिले की चार, धमतरी जिले की दो और दंतेवाड़ा जिले की तीन परियोजनाएं शामिल हैं।


http://in.jagran.yahoo.com/news/local/chattishgarh/4_12_7160783.html


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