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न्यूज क्लिपिंग्स् | प्रधानमंत्री ने 850 मेगावाट पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री ने 850 मेगावाट पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी

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published Published on Jun 25, 2013   modified Modified on Jun 25, 2013
किश्तवाड़ (जम्मू कश्मीर)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जम्मू कश्मीर में पनबिजली उत्पादन की संभावनाओं के दोहन के प्रयासों के तहत चेनाब नदी पर 850 मेगावाट क्षमता की रटले पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखी।
सिंह ने कहा, इस अवसर पर कहा कि भारत की यह ऐसी पहली पनबिजली परियोजना है, जिसका ठेका अंतरराष्ट्रीय बोली के आधार पर दिया गया है। इस पर 5,550 करोड़ रच्च्पये का खर्च आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि इस परियोजना को समयानुसार फरवरी 2018 तक पूरा करने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। '' उन्होंने कहा कि रत्ले परियोजना से उत्पन्न बिजली जम्मू कश्मीर के लोगों में समृद्धि आएगाी।
परियोजना का ठेका विनिर्माण क्षेत्र की भारतीय कंपनी जीवीके पावर को मिला है। उसने इसमें बिजली के लिए सबसे कम शुल्क की बोली पेश की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर संकट के दौर के बाद अब पुन: प्रगति की राह पर चल चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘अन्य बातों के अलावा इस राज्य के विकास के लिए बिजली का होना भी बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में चेनाब झेलम और सिंध जैसी नदियों की धारा से 14,000 मेगावाट बिजली पैदा करने की संभावना है। पर इस समय 2500 मेगावाट बिजली ही पैदा हो रही है।
सिंह ने कहा, ‘‘केन्द्र और राज्य का प्रयास है कि बाकी क्षमता का भी उपयोग हो सके। ''
जम्मू कश्मीर में बिजली का उत्पादन बढ़कर 1,664 मेगावाट हो चुका है, फिर भी राज्य में बिजली की कमी पड़ रही है। उन्होंने राज्य को केन्द्रीय पूल से 150 मेगावाट बिजली देने की घोषणा भी की।
उल्लेखनीय है कि एनएचपीसी ने भी राज्य में दो परियोजना अभी हाल में पूरी

की हैं। जिससे राज्य को 89 मेगावाट बिजली मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, रत्ले परियोजना से प्रभावित इलाकों में पर्यावरण प्रबंध तथा पुनर्वास और पुनरच्च्द्धार के लिए 262 करोड़ रच्च्पये की राशि खर्च की जा रही है।
इस अवसर पर संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि विकास परियोजनओं को लागू करते समय पारिस्थतिकी और जैव विविधता को संरक्षित रखा जाना चाहिए।
सोनिया ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पारिस्थतिकी और जैव विविधता की रक्षा की जानी चाहिए।''
सिंह ने कहा कि श्रीनगर से लेह तक बिजली पारेषण लाईन बिछाने और लद्दाख क्षेत्र में समृद्धि लाने के लिए 629 करोड़ रच्च्पए का निवेश किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर राज्य बिजली विकास निगम लिमिटेड ने राज्य के किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर बनाओ, अपनाओ, चलाओ और हस्तांतरित करो:बूट: व्यवस्था के तहत मई 2010 में बिजली दर पर आधारित प्रतिस्पर्धात्मक बोली में जीवीके पावर की कंपनी जीवीके रटले हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को 850 मोगवाट की इस परियोजना का ठेका दिया ।
परियोजना एनएच 24 पर है। इसकी 16 प्रतिशत बिजली जम्मू-कश्मीर को मुफ्त मिलेगी।
इस परियोजना को राज्य सरकार से वन विभाग, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा संबंधी मंजूरी लेने के अलावा परियोजना ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से वन एवं पर्यावरण कानूनों के तहत और केंद्रीय बिजली प्राधिकरण सीईए से तकनीकी और आर्थिक मंजूरी :टेक: मिल चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एनएचपीसी गंदेरबल के पास एक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करेगी जिसके लिए हाल में समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
राज्य में 37,000 करोड़ रच्च्पए की परियोजनाओं और योजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अलावा जम्मू और लद्दाख में 1,000 करोड़ रच्च्पए की और परियोजनाएं शुरू की जाने वाली हैं।
भाषा


http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/3-2009-08-27-03-36-02/47722---850--------


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