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न्यूज क्लिपिंग्स् | साढ़े चार लाख क्लोरिन टेबलेट बंटी, 16 दिन में 12 मौतें

साढ़े चार लाख क्लोरिन टेबलेट बंटी, 16 दिन में 12 मौतें

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published Published on May 15, 2014   modified Modified on May 15, 2014
रायपुर। शहर में पीलिया और कितनी जानें लेगा, पता नहीं। लेकिन अब तक शासकीय और निजी अस्पतालों में 19 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें रायपुरवासियों की संख्या 12 है। पीलिया पर शासन 28 अप्रैल को जागा, मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने ताबड़तोड़ बैठकें लेकर निर्देश जारी किए। बुधवार को निर्देश जारी किए पूरे 16 दिन बीत चुके हैं इन 16 दिनों में प्रदेश में 34 मौतें हो चुकी हैं।

'नईदुनिया' पड़ताल में सामने आया कि 28 अप्रैल से 14 मई तक नगर निगम रायपुर ने 4 लाख और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से 50 हजार क्लोरीन टेबलेट बांटी जा चुकी है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर क्यों पीलिया मरीजों की संख्या नहीं घट रही है? पीलिया अभी भी नियंत्रण में नहीं है।

बीते 4 दिन में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से आए मरीजों की स्थिति का आकलन करने के बाद शहर में कैंप की संख्या बढ़ा दी गई है। कालीनगर में बनीता गौर की मौत के बाद यहां एक कैंप, राजीव नगर, मंडी रोड और पुरैना क्षेत्र में कैंप शुरू कर दिया गया है। सीएमएचओ अब 11 और नगर निगम 8 कैंप संचालित कर रहा है।

इतना ही नहीं, निगम ने 2 लाख और स्वास्थ्य विभाग ने भी 2 लाख टेबलेट का बंदोबस्त किया है। बुधवार को 1 लाख टेबलेट मितानिनों, एएनएम को दी गईं, जिन्हें प्रभावित इलाकों में घर-घर बांटा जाना है। गुरुवार तक बोर और कुएं के पानी को शुद्ध करने के लिए लिक्विड क्लोरीन भी बुलाई जा रही है।

सवाल यह है कि इतनी अधिक संख्या में बंटी क्लोरीन की ये टेबलेट गईं कहां? क्या लोग इन्हें घर ले-जाकर इस्तेमाल करना भूल गए? नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग का यही कहना है कि लोग क्लोरीन टेबलेट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। तो क्या हम भी जिम्मेदार हैं? इतनी मौतों के बाद क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं की पानी में क्लोरीन डालकर पीएं?

20 लीटर पानी में सिर्फ 1टेबलेट

पानी की शुद्धि के लिए आवश्यक है क्लोरीन टेबलेट का सही इस्तेमाल। स्वास्थ्य शिविर, स्वास्थ्य केंद्रों और नगर निगम के विभिन्न कार्यालयों में क्लोरीन टेबलेट उपलब्ध हैं। टेबलेट लें और 20 लीटर पानी में एक टेबलेट डाल दें। अगर टेबलेट पीसकर डालेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा और 2घंटे बाद पानी को छानकर इस्तेमाल करें।

28 अप्रैल से अब तक की स्थिति-

तारीख- कुल जांच खून जांच पॉजिटिव

28अप्रैल से 02मई- 2270 765 157

03मई 1160 449 129

04मई 681 382 139

05मई 730 393 74

06मई 627 368 95

07मई 568 155 41

08मई 530 135 39

09मई 769 194 63

10मई 590 217 55

11मई 414 146 55

12मई 823 254 80

13मई 999 201 अप्राप्त

घर-घर बंटवाई जा रही क्लोरीन टेबलेट

अभी तक करीब 4 लाख क्लोरीन की गोलियां बांटी जा चुकी है। मितानिनों के माध्यम से घर-घर भी गोलियां बुधवार से बंटवाई जा रही है। हम अपनी तरफ से लोगों को गोलियां बांट रहे हैं और बता रहे हैं कि इसके क्या फायदे हैं। लेकिन लोग इनका कितना इस्तेमाल न करें तो क्या कर सकते हैं?

डॉ. शिव शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

लोग इस्तेमाल ही नहीं करते

क्लोरीन टेबलेट लोग इस्तेमाल ही नहीं करते हैं, अगर इस्तेमाल करते तो बीमारी इतनी नहीं फैलती। जब से पीलिया की पहचान हुई है, तब से रोजाना टेबलेट बांटी जा रही है। करना सिर्फ इतना है कि 20 लीटर पानी में 1 गोली डालें, इतना भी लोग नहीं कर पाए तो किसकी जवाबदारी है?

डॉ. केआर सोनवानी, सीएमएचओ

रायपुर। शहर में पीलिया और कितनी जानें लेगा, पता नहीं। लेकिन अब तक शासकीय और निजी अस्पतालों में 19 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें रायपुरवासियों की संख्या 12 है। पीलिया पर शासन 28 अप्रैल को जागा, मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने ताबड़तोड़ बैठकें लेकर निर्देश जारी किए। बुधवार को निर्देश जारी किए पूरे 16 दिन बीत चुके हैं इन 16 दिनों में प्रदेश में 34 मौतें हो चुकी हैं।

'नईदुनिया' पड़ताल में सामने आया कि 28 अप्रैल से 14 मई तक नगर निगम रायपुर ने 4 लाख और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से 50 हजार क्लोरीन टेबलेट बांटी जा चुकी है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर क्यों पीलिया मरीजों की संख्या नहीं घट रही है? पीलिया अभी भी नियंत्रण में नहीं है।

बीते 4 दिन में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से आए मरीजों की स्थिति का आकलन करने के बाद शहर में कैंप की संख्या बढ़ा दी गई है। कालीनगर में बनीता गौर की मौत के बाद यहां एक कैंप, राजीव नगर, मंडी रोड और पुरैना क्षेत्र में कैंप शुरू कर दिया गया है। सीएमएचओ अब 11 और नगर निगम 8 कैंप संचालित कर रहा है।

इतना ही नहीं, निगम ने 2 लाख और स्वास्थ्य विभाग ने भी 2 लाख टेबलेट का बंदोबस्त किया है। बुधवार को 1 लाख टेबलेट मितानिनों, एएनएम को दी गईं, जिन्हें प्रभावित इलाकों में घर-घर बांटा जाना है। गुरुवार तक बोर और कुएं के पानी को शुद्ध करने के लिए लिक्विड क्लोरीन भी बुलाई जा रही है।

सवाल यह है कि इतनी अधिक संख्या में बंटी क्लोरीन की ये टेबलेट गईं कहां? क्या लोग इन्हें घर ले-जाकर इस्तेमाल करना भूल गए? नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग का यही कहना है कि लोग क्लोरीन टेबलेट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। तो क्या हम भी जिम्मेदार हैं? इतनी मौतों के बाद क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं की पानी में क्लोरीन डालकर पीएं?

20 लीटर पानी में सिर्फ 1टेबलेट

पानी की शुद्धि के लिए आवश्यक है क्लोरीन टेबलेट का सही इस्तेमाल। स्वास्थ्य शिविर, स्वास्थ्य केंद्रों और नगर निगम के विभिन्न कार्यालयों में क्लोरीन टेबलेट उपलब्ध हैं। टेबलेट लें और 20 लीटर पानी में एक टेबलेट डाल दें। अगर टेबलेट पीसकर डालेंगे तो ज्यादा अच्छा होगा और 2घंटे बाद पानी को छानकर इस्तेमाल करें।

28 अप्रैल से अब तक की स्थिति-

तारीख- कुल जांच खून जांच पॉजिटिव

28अप्रैल से 02मई- 2270 765 157

03मई 1160 449 129

04मई 681 382 139

05मई 730 393 74

06मई 627 368 95

07मई 568 155 41

08मई 530 135 39

09मई 769 194 63

10मई 590 217 55

11मई 414 146 55

12मई 823 254 80

13मई 999 201 अप्राप्त

घर-घर बंटवाई जा रही क्लोरीन टेबलेट

अभी तक करीब 4 लाख क्लोरीन की गोलियां बांटी जा चुकी है। मितानिनों के माध्यम से घर-घर भी गोलियां बुधवार से बंटवाई जा रही है। हम अपनी तरफ से लोगों को गोलियां बांट रहे हैं और बता रहे हैं कि इसके क्या फायदे हैं। लेकिन लोग इनका कितना इस्तेमाल न करें तो क्या कर सकते हैं?

डॉ. शिव शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

लोग इस्तेमाल ही नहीं करते

क्लोरीन टेबलेट लोग इस्तेमाल ही नहीं करते हैं, अगर इस्तेमाल करते तो बीमारी इतनी नहीं फैलती। जब से पीलिया की पहचान हुई है, तब से रोजाना टेबलेट बांटी जा रही है। करना सिर्फ इतना है कि 20 लीटर पानी में 1 गोली डालें, इतना भी लोग नहीं कर पाए तो किसकी जवाबदारी है?

डॉ. केआर सोनवानी, सीएमएचओ

- See more at: http://naidunia.jagran.com/chhattisgarh/raipur-four-and-half-million-chlorine-tablets-distributed-12-deaths-in-16-hours-90710#sthash.BBIPI8cF.dpuf

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