Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | सौर ऊर्जा की लक्ष्मणरेखा, खेत की मेड़ भी छुआ तो लगेगा करेंट

सौर ऊर्जा की लक्ष्मणरेखा, खेत की मेड़ भी छुआ तो लगेगा करेंट

Share this article Share this article
published Published on Apr 4, 2016   modified Modified on Apr 4, 2016
जंगली जानवरों और आवारा पशुओं द्वारा फलों और फसलों को नुकसान पहुंचाने की समस्या से परेशान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसानों और बागवानों के लिए राहत भरी खबर है। सोलर पैनलों की मदद से खेत में ही तैयार सौर ऊर्जा से अब खेतों को बिजली के साथ ऐसी अभेद्य बाड़ भी मिलेगी जिसे कोई जानवर लांघ नहीं सकेगा। हिमाचल प्रदेश ने इस दिशा में खेत संरक्षण योजना के माध्यम से किसानों और बागवानों को उम्मीद की किरण दिखाई है। इस योजना के माध्यम से खेतों में बाड़ लगेगी जिसे सोलर पॉवर से जोड़ा जाएगा और यदि कोई भी जंगली जानवर या आवारा पशु खेतों में जाने की कोशिश करेगा तो वह करंट का हल्का झटका लगने के बाद स्वत: ही वापिस हो जाएगा। हिमाचल प्रदेश द्वारा की गई इस पहल से पड़ोसी राज्यों को भी आने वाले समय में काफी कुछ सीखने को मिल सकता है क्योंकि हिमाचल में जहां बंदर, चमगादड़, जंगली सूअर, कौआ और खरगोश के अलावा आवारा पशुओं के कारण फलों और फसलों को हर साल सैकड़ों करोड़ का नुकसान हो रहा है वहीं मैदानी राज्यों में नील गाय, सांभर तथा इसी प्रजाति के अन्य जंगली जानवरों द्वारा कृषि को पहुंचाए जा रहे नुकसान से किसान परेशान हैं। हिमाचल में खेत संरक्षण योजना के तहत किसानों और बागवानों को 60 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। इस योजना से न केवल खेत सौर बिजली से रौशन होंगे बल्कि उन्हें बाड़ भी मिलेगी। हिमाचल प्रदेश में इस समय जंगली जानवरों और आवारा पशुओं व पक्षियों के कारण कृषि और बागवानी को हर साल 2000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है। इसमें से लगभग 600 करोड़ रुपए का नुकसान सीधा कृषि और बागवानी को जंगली जानवरों और आवारा पशुओं व पक्षियों द्वारा नष्ट किए जाने से हो रहा है जबकि लगभग 600 करोड़ रुपए का ही नुकसान राज्य में लगभग 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों और बागवानों द्वारा कृषि तथा बागवानी छोड़ देने तथा इस जमीन के बंजर हो जाने से हो रहा है। सबसे अधिक लगभग नौ सौ करोड़ रुपए का नुकसान कृषि और बागवानी की रखवाली के लिए लगे सात लाख प्रभावित परिवारों के कारण हो रहा है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक ये सात लाख परिवार अपने अन्य कामकाज छोड़कर सिर्फ जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से अपनी कृषि व बागवानी को बचाने में लगे हुए हैं। ऐसे में ये लोग मनरेगा जैसी योजनाओं में दिाहड़ी तक नहीं लगा पा रहे हैं।
वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा शिमला में आठ स्थानों पर बंदरों को वर्मिन घोषित करने के बाद अब राज्य में 39 तहसीलों में भी बंदर शीघ्र वर्मिन घोषित हो सकते हैं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र को अपनी योजना भेज दी है जिस पर केंद्र कभी भी निर्णय ले सकता है।

http://dainiktribuneonline.com/2016/04/%E0%A4%B8%E0%A5%8C%E0%A4%B0-%E0%A4%8A%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B2%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close