जनसत्ता 26 जून, 2013: उत्तराखंड में आई भारी विपदा पर लिखने बैठा, तो एकाएक बाबा नागार्जुन याद आ गए, अपनी एक कविता के जरिए- ताड़ का तिल है/ तिल का ताड़ है/ पब्लिक की पीठ पर बजट का पहाड़ है/ किसकी है जनवरी/ किसका अगस्त है/ कौन यहां सुखी है/ कौन यहां मस्त है/ सेठ ही सुखी है। सेठ ही मस्त है/ मंत्री ही सुखी है/ मंत्री ही मस्त है/...
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चचरी पुल ही एक मात्र सहारा
किशनगंज : आज के आधुनिक व्यवस्था में जहां रेलवे लाइन एवं सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है वहीं इस जिले का टेढ़ागाछ प्रखंड सड़क संपर्क के जरिये जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है. आज भी कनकई नदी पर स्थित लौचा घाट स्थित चचरी पुल लोगों का एक सहारा है. यह पुल भी जन सहयोग से निर्मित है. यह पुल जिला मुख्यालय से न केवल टेढ़गाछ को बल्कि अररिया जिला के सिकटी,...
More »महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत
नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
More »ठंड से आधा गांव बीमार
जबलपुर. ठंड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनजीवन किस हद तक अस्त-व्यस्त हो चला है, इसकी बानगी शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रैगवां में देखने को मिलती है, जहां मौसम की मार के चलते ग्रामीणजन न तो चैनपूर्वक जी पा रहे हैं और न ही ठीक तरह से अपने दैनिक कार्य निपटा पा रहे हैं। पूरा क्षेत्र भीषण ठंड की चपेट में है एवं बच्चों से लेकर...
More »अस्वस्थ बच्चे अस्वस्थ देश के भविष्य
भारत के महापंजीयक की "भारत में मृत्यु के कारण" शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार पाँच साल से कम आयु के करीब आधे बच्चों का वजन सामान्य से कम है और इसका कारण कुपोषण है। ऋतु सारस्वत स्वास्थ्य और मानव विकास एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और यदि स्वास्थ्य का प्रश्न बच्चों से जुड़ा हुआ हो, तो यह और अधिक संवेदनशील विषय हो जाता है। हाल ही में...
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