आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
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बे-कायदा क्यों हों कैदखाने? - गोपालकृष्ण गांधी
अदालती फैसलों की कानूनी वजहें होती हैं। अदालतें बहुत सोच-समझकर, ध्यान से, अपने नतीजों पर आती हैं। उन्हें हमें बाइज्जत कुबूल करना चाहिए। उन पर अगर हमें कुछ कहना हो तो वह बहुत समझ-बूझकर, ध्यान से ही कहना चाहिए। वैसा ही इस छोटे-से रिसाले में करना चाहूंगा। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता-जी के 'केस" पर मैं कुछ नहीं कह सकता। अव्वल, मैं उस मामले की तफसीली अंतर्वस्तुओं से वाकिफ ही नहीं। अच्छा ही है!...
More »कानून, कारागार और कैदी- केपी सिंह
जनसत्ता 19 सितंबर, 2014: उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में व्यवस्था दी है कि उन विचाराधीन आरोपियों को तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए जिन्होंने अपने ऊपर लगे अभियोग की संभावित अधिकतम सजा का आधा समय बतौर आरोपी जेल में व्यतीत कर लिया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि जिला न्यायिक सेवा प्राधिकरण से संबंधित न्यायिक अधिकारी अपने अधिकार-क्षेत्र में प्रत्येक कारावास पर जाकर इस प्रकार के...
More »अंतहीन यातनाओं से गुजरते विचाराधीन कैदी- सुभाष गताडे
पिछले दिनों विचाराधीन कैदियों का मसला तब सुर्खियों में आया, जब एमनेस्टी इंटरनेशनल ने देश की अलग-अलग जेलों का अध्ययन कर बताया कि भारत में 65 फीसदी से ज्यादा कैदी विचाराधीन मामलों में बंद हैं। उसने विचाराधीन कैदियों की संख्या के मामले में भारत को दुनिया के 10 सबसे 'खराब' देशों में शामिल किया है। वर्ष 2012 तक उपलब्ध राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, जेलों में 2.5...
More »आधी सजा भुगती, अब पूरा इंसाफ - जगदीप धनकड़
गत सप्ताह सर्वोच्च अदालत ने उन विचाराधीन कैदियों की रिहाई के आदेश दिए, जो उन पर लगाए गए आरोपों के लिए निर्धारित सजा की आधी अवधि पहले ही काट चुके हैं। इस निर्णय के बाद अब लगभग दो लाख कैदी जेल से मुक्त हो सकेंगे। इनमें से अधिकतर गरीब, अशिक्षित या अर्द्धशिक्षित हैं और ये बहुत मामूली अपराधों के चलते जेल की सजा काटने को मजबूर हो रहे हैं। उन्हें...
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