किसानों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेती किसानी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह तो तय है कि जैसे-जैसे उत्पादन में उद्योग धंधे और पूंजी का महत्व बढ़ता जायेगा, वैसे-वैसे किसानों की हालत बिगड़ती जायेगी. दुनियाभर के पूंजीवादी देशों को देखकर लगता है कि बिना सरकारी सहायता के किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है. भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम...
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क्या कहता है यह बिगड़ता मौसम-- विजेता रत्तानी
पिछले दिनों लौटती मानसूनी बारिश देश के उत्तरी राज्यों पर कहर बनकर टूटी। सिर्फ एक दिन में, यानी 24 सितंबर को पंजाब में सामान्य से 12 गुना ज्यादा बारिश हुई। उसी दिन हरियाणा में नौ गुना अधिक, तो हिमाचल प्रदेश में छह गुना ज्यादा पानी बरसा। जम्मू-कश्मीर भी बारिश से अचानक आई बाढ़ से डूबता-उतराता रहा। इस अप्रत्याशित बारिश से पंजाब-हरियाणा के खेतों में खड़ी खरीफ और नकदी फसलों को...
More »मंदी के सबक और भविष्य के अंदेशे-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया
लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...
More »ढहता हिमालय व गलते ग्लेशियर-- मृणाल पांडे
अगस्त का महीना देश के कई हिस्सों में तबाही लाया. केरल और हिमालयीन इलाके उससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. केरल की उफनाती बाढ़ के नजारे हमने देखे. इसी बीच खबर आयी कि शिमला में कई भवन टूट गये और नैनीताल में लोअर मालरोड झील में समा गयी. बसों का खड्डों में गिरना और उफनते नालों में बह जाना तो लगभग रूटीन हो चला है. यह आनेवाले समय के...
More »इस मशहूर कंपनी में 52,000 से घटकर सिर्फ 34,00 रह गए कर्मचारी
कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) में कर्मचारियों की संख्या करीब 94 प्रतिशत घटकर 3,400 रह गयी है। एक समय कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 52,000 थी। आरकॉम ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ''आरकॉम समूह में कर्मचारियों की कुल संख्या उच्चतम स्तर 52,000 से घटकर 3,400 पर आ गयी है। कर्मचारियों की कुल संख्या में 94 प्रतिशत की कमी...
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