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कर्ज लेकर घी पीने से नहीं बनेगी बात - डॉ. भरत झुनझुनवाला

चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। हमने चीन से 54 अरब डॉलर के आयात किए, जबकि निर्यात मात्र 17 अरब डॉलर के किए। इस घाटे को पाटने के लिए सरकार ने चीन से आग्रह किया है कि वह भारत में विदेशी निवेश बढ़ाए। गत वर्ष शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन ने गुजरात तथा महाराष्ट्र में औद्योगिक क्षेत्रों, हाईस्पीड ट्रेनों तथा दिल्ली-चेन्न्ई कॉरिडोर...

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बार-बार कर्जमाफी योजनायें न लायें राज्य सरकारें: आरबीआइ

मुंबई: रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों के द्वारा बार-बार कर्जमाफी की योजनाओं की घोषणा करने पर ऐतराज जताया है. आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इन योजनाओं से कर्ज के उचित मूल्य के निर्धारण पर असर पड़ता है जिसके परिणामस्वरुप ऋण बाजार में गड़बड़ी पैदा होती है. राजन ने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सूक्ष्म वित्त ऋणदाताओं द्वारा दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दरों...

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चीनी पर किसानों का पहला हक- वी एम सिंह

उत्तर प्रदेश में गन्ना सबसे बड़ी नकदी फसल है। इससे सीधे तौर पर 50 लाख किसान और उन पर आश्रित करीब दो करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। मैं पिछले 20 वर्षों से गन्ना किसानों के हक में चीनी मिल मालिकों और प्रदेश व केंद्र सरकारों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रहा हूं। इस दौरान किसानों के पक्ष में अदालत से बहुत सारे ऐसे अहम फैसले हुए, जिनका तात्कालिक और दूरगामी असर...

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मुक्त बाजार का दुश्चक्र- सुनील

जनसत्ता 27 अगस्त, 2013 : रुपया लुढ़कता जा रहा है। इसे रोकने की भारत सरकार और रिजर्व बैंक की सारी कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। चारों तरफ घबराहट फैल रही है। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। पेट्रोल सहित तमाम आयातित वस्तुएं महंगी होने से महंगाई का एक नया सिलसिला शुरू हो रहा है। एक तरह से हम महंगाई का आयात कर रहे हैं। इतना ही नहीं, विदेशी...

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जो अन्न उपजाता है वही भूखा रह जाता है : देविंदर शर्मा

खाद्य सुरक्षा विधेयक का विरोध दो कारणों से हो रहा है. एक राजनीतिक और दूसरा कॉरपोरेट घरानों या उनके समर्थक अर्थशास्त्रियों की ओर से. उनका कहना है कि खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये  खर्च होगा. इससे घाटा बढ़ेगा इसलिए इसकी कोई ज़रूरत नहीं है. खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रु पए ख़र्च होने पर एतराज़ जताया जा रहा है....

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