कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...
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शहरों में सस्ते मजदूर बनाने वाले त्रुटिपूर्ण अर्थशास्त्र से इतर खेतीबाड़ी के पुनर्निर्माण और भविष्य के विकास का रास्ता
गांव सवेरा, 13 अगस्त देश को पेट भरने के लिए दूसरों की दयादृष्टि पर निर्भरता वाली हालत से उबारकर, अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारों वाली स्थिति में पहुंचाने के लिए भारतीय किसान द्वारा निभाई महत्वपूर्ण भूमिका से कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे चमकदार सितारा बनकर उभरा है। चाहे हम इस उपलब्धि को सार्वजनिक रूप में मानें या नहीं, लेकिन एक गतिशील कृषि ने देश में आर्थिक विकास की सुदृढ़ नींव रखी है। आज...
More »साधारण खरपतवार नहीं है 'कुल्फा', सूखा और बदलते मौसम से लड़ सकता है यह सुपर प्लांट
डाउन टू अर्थ, 08 अगस्त वैज्ञानिकों की मानें तो यह खरपतवार एक सुपर प्लांट है जो न केवल गर्मी, सूखा बल्कि जलवायु में आते बदलावों का सामना कर सकता है कुल्फा या यह कहें कि एक खरपतवार, एक ऐसा पौधा जो आपको अक्सर कई जगहों पर दिख जाएगा। खेतों में, सड़क किनारे, नालियों के किनारे यह पौधे, खरपतवार के रूप में कहीं भी आसानी से उग जाते हैं। पर इन पौधों...
More »दास्तां जन औषधि केंद्र की; शुरुआत, चुनौतियां और भविष्य!
जन स्वास्थ्य' का विषय राज्य सूची के अंतर्गत आता है. लेकिन भारत में लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा भी जन स्वास्थ्य को वरीयता दी जाती है. नतीजन सन् 2008 में "जन औषधि केंद्र" को शुरू किया जाता है. जहां सस्ते दामों पर सामान्य दवाइयां मिल सकें. 7 मार्च, 2022 को जन औषधि दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम होता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि...
More »अगस्त जलवायु परिवर्तन से वर्षा का क्षेत्र बदला
जनचौक, 03 अगस्त बिहार और उत्तर प्रदेश में सूखा पड़ा है जबकि गुजरात और महाराष्ट्र, राजस्थान में जोरदार वर्षा से बाढ़ आ गई है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का यह प्रत्यक्ष उदाहरण है। गुजरात में जोरदार वर्षा से बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि हुई है। इस वर्ष वर्षा से जुड़ी घटनाओं से मरने वालों की संख्या 83 पहुंच गई है। वर्षा समूचे गुजरात में हुई है, लेकिन पांच जिलों-जूनागढ़, गीर सोमनाथ,...
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