श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत भारत सरकार माननीय प्रधानमंत्री जी, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार और पीडीएस का सार्वभौमीकरण (सभी के लिए) प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के बारे में हमारी गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए हम आपको लिख रहे हैं। देश भर में मुफ्त राशन वितरण केवल नवंबर, 2020 तक ही लागू है। इस योजना के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) के तहत 'प्राथमिकता' या AAY राशन कार्ड वाले सभी व्यक्तियों को...
More »SEARCH RESULT
अस्तित्व की लड़ाई
- आउटलुक, “नए कानूनों से किसानों को खेती पर भी कॉरपोरेट के हावी होने का अंदेशा” अच्छे दिनां ने पंजाब दी किसानी डोब ती... (अच्छे दिनों ने पंजाब की किसानी डुबा दी) पंजाबी गायक मनमोहन वारिस का यह गाना इन दिनों प्रदेश के किसान आंदोलन में खूब बज रहा है। ये किसान खेतों में तैयार खड़ी फसलों की चिंता छोड़ रेल पटरियों पर तंबू लगाकर पड़े हैं। उन्हें फसलों के नष्ट होने...
More »बिहार की ज्योति पासवान: एक मकान, आठ साइकिलें, लेकिन अब पहले जैसी भीड़ नहीं
-बीबीसी, वो ज़्यादा नहीं बोलती. बोले भी तो कैसे? जब भी कोई पत्रकार, उनकी अविश्वसनीय कहानी के बारे में पता करने के लिए पहुँचता है, उनके पिता आसपास ही मौजूद रहते हैं. आने वालों से ज़्यादातर उनके पिता ही बात करते हैं. वो ख़ुद ज़्यादा कुछ नहीं बोलतीं और कई बार तो वो बातचीत के बीच में ही अचानक उठ कर चल देती हैं. लेकिन, आज वो दुबली-पतली लड़की एक सेलिब्रिटी है. लोग...
More »अर्थातः राहत ऐसी होती है !
-इंडिया टूडे, मुंबई में दो साल तक काम करने के बाद, सितंबर 2019 में कीर्ति की मेहनत कामयाब हुई, जब उसे लंदन की मर्चेंट बैंकिंग फर्म में नौकरी मिल गई. वह लंदन को समझ पाती इससे पहले कोविड आ गया. नौकरी खतरे में थी. लेकिन अप्रैल में ही उसकी कंपनी सरकार की जॉब रिटेंशन स्कीम (नौकरी बचाओ सब्सिडी) में शामिल हो गई. पगार कुछ कटी लेकिन नौकरी बच गई. बहुत नुक्सान...
More »जलसंवर्धन से बदलती जिला पंचायत इंदौर की तस्वीर
-इंडिया वाटर पोर्टल, बारिश की रजत बूँदों को थामने और उन्हें धरती की रगों तक पहुँचाने के लिए जिला पंचायत इंदौर ने शानदार काम किया है। अहम बात यह है कि यह काम लॉकडाउन के उस दौर में कराया गया जब स्थानीय मज़दूरों के सामने रोजी-रोटी का सकंट खड़ा हो गया था। लॉकडाउन के वक़्त में बड़ी तादात में मज़दूर परिवारों को न गाँव में कोई रोज़गार था और न ही...
More »