हमारे देश में जिस तरह का कानून है, उसमें निर्भया के गुनहगार को बाहर आना ही था। ‘जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट' के तहत अपराधी को तीन साल ही बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। मगर यहां इस बात पर जरूर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले तीन वर्षों में इस अपराधी की मानसिकता में सुधार क्यों नहीं हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह साफ-साफ पूछा कि...
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बहुत कठिन है डगर सुशासन की - एनके सिंह
बिहार की जनता ही नहीं, राजनीतिक विश्लेषक और देश का बुद्धिजीवी वर्ग भी बेहद उत्कंठा से देख रहा है कि नई नीतीश सरकार राज्य में कैसी चलेगी, इसकी गुणवत्ता कैसी होगी व इसका जीवन कितने दिनों का होगा। जिन सामाजिक, राजनीतिक और पारस्परिक विभेदों के बीच इस सरकार का जन्म हुआ, उन्हें और चुनाव के बाद के घटनाक्रमों को देखते हुए सकारात्मक पहलू कम नजर आते हैं। खतरा सिर्फ 26...
More »किराये की कोख और नागरिकता का प्रश्न--ऋतु सारस्वत
केंद्र सरकार ने कहा है कि वह विदेशियों के लिए किराये पर कोख (सरोगेसी) के कारोबार पर रोक लगाने के पक्ष में है। केंद्र ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह देश में 'कमर्शियल सरोगेसी' के चलन को अवैध घोषित करने की तैयारी कर रहा है। हाल में विदेश व्यापार निदेशालय ने 2013 का अपना वह नोटिफिकेशन वापस ले लिया था, जिसमें सरोगेसी के लिए भू्रण के...
More »महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »किशोरों में बढ़ती आत्महत्याएं- अंजलि सिन्हा
कोटा के कोचिंग संस्थानों में तनावग्रस्त बच्चों तथा इनमें से कुछ के आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने की खबरों के बीच तथा शेष समाज में इसके प्रति व्यक्त की जा रही चिंताओं के चलते कोटा शहर के 40 कोचिंग संस्थानों ने मिल कर चौबीस घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू की है, जो परेशान छात्रों की काउंसेलिंग करेगी. निश्चित ही ऐसी सेवा शुरू होने से छात्रों को शेयरिंग का एक...
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