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कोविड-19 के बाद आर्थिक असमानता की ओर देश के बढ़ते कदम!

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा अक्टूबर 2020 में जारी द वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक नामक छमाही प्रकाशन ने अनुमान लगाया है कि 1990 के दशक के बाद से देशों द्वारा गरीबी को कम करने के लिए की गई आर्थिक प्रगति सर्वव्यापी महामारी कोविड -19 से प्रभावित हुई है. यह तय है कि कोविड-19 के बाद भी आर्थिक असमानता में बढ़ोतरी होगी क्योंकि संकट ने महिलाओं, अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों और कम...

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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

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संसद के शीतकालीन सत्र के रद्द होने से सरकार को मुश्किल सवालों से बच निकलने में मिली मदद

-न्यूजक्लिक, इस महीने की शुरुआत में नये संसद भवन का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां असहमति की अपनी जगह है, वहीं किसी तरह के भिन्नता के लिए कोई जगह नहीं है। इसके बाद उन्होंने गुरु नानक का उद्धरण देते हुए कहा कि जब तक दुनिया का वजूद है, तब तक बातचीत जारी रहनी चाहिए और यही लोकतंत्र की आत्मा थी। यह विडंबना ही है कि मोदी द्वारा...

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त्योहारी सीजन के दौरान भी व्यक्तिगत ऋणों में दिखे गिरावट के रूझान

इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...

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लोकतंत्र की संरचना में ही असहमति गुंथी होती है

-सत्याग्रह, असहमति की व्याप्ति डेढ़ेक बरस पहले अहमदाबाद विश्वविद्यालय की अध्यापिका प्रतिष्ठा पण्ड्या ने फ़ोन कर बताया कि उन्होंने मेरे सम्पादन में आयी ‘इण्डिया डिसेण्ट्स’ संचयिता देखी है और मैं असहमति पर उनके छात्रों और सहकर्मियों से संवाद करने उनके द्वारा संचालित एक बौद्धिक सीरीज़ ‘नालन्दा’ में भाग लूं. जाना कई कारणों से नहीं हो पाया और फिर कोविड महामारी आ गयी. सो अब यह संवाद ऑनलाइन हुआ. छात्रों और अध्यापकों ने...

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