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किसान आंदोलनः ऐतिहासिक फतह और अब आगे

-जनपथ, पिछले एक साल से चल रहा किसान आंदोलन अभूतपूर्व जीत के साथ फिलहाल स्थगित कर दिया गया। सरकार द्वारा किसानों पर लगाए कानूनी मुकदमों की वापसी समेत अन्य दूसरी सभी मांगें मंजूर होने का आधिकारिक पत्र मिला। इसके बाद इस मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई हुई जिसमें किसानों ने आंदोलन को खत्म तो नहीं, मगर इसे स्थगित रखने का फैसला किया है। इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान...

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क्यों चंपारण और खेड़ा के किसान आंदोलनों से बड़ा है मौजूदा किसान आंदोलन

-रूरल वॉइस, आज यानी 11 दिसंबर को गुरू ग्रंथ साहिब के पाठ और हवन के बाद किसान दिल्ली की सीमाओं पर लगे मोर्चों से अपने घरों को वापसी करेंगे। 378 दिन चला किसान आंदोलन देश और दुनिया के इतिहास में एक ऐसा मुकाम बना चुका है जिसके दोहराये जाने की कल्पना अभी संभव नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा जून, 2020 में अध्यादेशों के जरिये लाये गये तीन नये कृषि कानूनों के...

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जलवायु संकट पर अमीर देशों और भारत के ताकतवर लोगों के भरोसे रहना बड़ी भूल

-कारवां,  हाल ही में 31 अक्टूबर और 12 नवंबर के बीच ग्लासगो में संपन्न हुई जलवायु परिवर्तन की 26वीं अंतर्राष्ट्रीय वार्ता में भारत सहित कई विकासशील देशों ने जलवायु न्याय का मुद्दा उठाया. इन देशों की मांग वाजिब है क्योंकि बैंगलुरु के राष्ट्रीय प्रगत अध्ययन संस्थान की डॉक्टर तेजल कानिटकर के अनुसार, विश्व के सबसे धनी देश 1990 में अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन के समझौतों पर चर्चा शुरू होने तक जलवायु परिवर्तन...

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किसान आंदोलन: MSP पर माँग मान क्यों नहीं लेती मोदी सरकार? जानिए क्या हैं वजहें

-बीबीसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था. अब आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को निरस्त कर दिए जाएगा. लेकिन किसान नेता अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को गारंटी देने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं आता तब तक पर...

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कृषि बिल: जितनी आसानी से पीएम ने कह दिया, उतनी आसान नहीं है यह जीत

-न्यूजलॉन्ड्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करते हुए किसानों से माफी मांगी. किसान एक साल से दिल्ली के अलग-अलग बार्डर पर विवादित कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. पीेएम मोदी के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि उनकी यह तपस्या सही साबित हुई. हालांकि किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,...

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