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लॉकडाउन के तीन महीनों में हिमाचल के 250 लोगों ने की आत्महत्या, रोजाना 3 लोग खत्म कर रहे अपनी जीवनलीला

-जनज्वार, हिमाचल प्रदेश में आत्महत्याओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजधानी शिमला में पूर्व महिला पार्षद के एक बीस वर्षीय बेटे अंशुल कश्यप ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पीछे क्या वजह रही, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी तरह ऊना के गांव लोअर देहलां के वार्ड 7 निवासी शेर सिंह ने भी फंदा लगाकर आत्महत्या की है। खबरों...

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लॉकडाउन से पैदा आर्थिक संकट से बढ़ रहीं आत्महत्याएं

-कारवां, 22 जून को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के जगदीशपुर इलाके के रहने वाले 53 साल के रघुवीर सिंह ने आत्महत्या कर ली. सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “हमारे पास में 25000 रुपए की नकदी थी लेकिन लॉकडाउन के वक्त घर में खाली बैठे-बैठे वह खत्म हो गई. इसके बाद हम क्या करते? इस आर्थिक तंगी से परेशान होकर मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं.” सिंह के...

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फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ

-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...

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प्रवासी मजदूरों के पास न खाना बचा है और न पैसे बचे हैं! घर पहुंचने के लिए तकलीफें उठाईं सो अलग..

इस महामारी काल में 5 जून को, विभिन्न सामाजिक संगठनों, शिक्षाविदों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के एक स्वयंसेवक समूह ‘स्ट्रान्डेड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क’ ने अपनी तीसरी रिपोर्ट ‘टू लीव या नॉट टू लीव? लॉकडाउन, माइग्रेंट वर्कर्स एंड देयर जर्नीज् होम’ जारी की. इस नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन प्रवासी मजदूरों ने स्वान के स्वयंसेवकों को सहायता के लिए फोन किया (15 मई और 1 जून के बीच 821...

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कोरोनावायरस: लॉकडाउन में ओजोन प्रदूषण में हुआ भारी इजाफा

-डाउन टू अर्थ, कोरोनावायरस बीमारी (कोविड-19) के संक्रमण के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कुछ हफ्ते बीते थे, तो खबरें आने लगी थीं कि वायु प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है, लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने देश के 22 बड़े शहरों में प्रदूषण के आंकड़ों का विश्लेषण कर बताया है कि इस अवधि में ओजोन प्रदूषण मानक से अधिक था। सीएसई ने ये विश्लेषण 1 जनवरी से 31 मई...

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