खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
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प्रतिबद्ध पत्रकार बड़ा बदलाव ला सकते हैं- ज्यां द्रेज
1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
More »यूपी में गन्ने के एसएपी में 40रुपये की रिकॉर्ड बढ़त
चालू पेराई सत्र (2010-11) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) में 40 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी है। इसके चलते राज्य में अगैती प्रजाति के लिए गन्ने का एसएपी 210 रुपये, सामान्य प्रजाति के लिए 205 रुपये और अनुपयुक्त प्रजाति के लएि 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। गन्ने के मूल्य में किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने यह अभी...
More »रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव
सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...
More »संकट में अन्नदाता
भोपाल. वे कभी गांव के जमींदार थे, अच्छा खासा रसूख था। सुखी परिवार था, मिल जुलकर रहते थे, लेकिन आज हालात बदले हुए हैं। अब न ही रुतबा है, न ही जमीन और न ही जिंदगी बसर करने के लिए पैसे। ये कहानी है, भोपाल से सटे गांव पुरा छिंदवाड़ा के किसानों की। भोपाल जिले में हाल ही में उजागर हुए हजार एकड़ जमीन के घोटाले में कई किसान धोखाधड़ी...
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