नारायणपुर। मरदेल में कोई भी व्यक्ति खुले में शौच जायेगा तो उससे 50 रुपए का जुर्माना ग्रामीणों के द्वारा लिया जायेगा और इसकी सूचना देने वाले को 20 रुपए का इनाम दिया जायेगा। ग्रामीणों ने इसके लिए एक निगरानी समिति का गठन किया है जो नियमित रूप से खुले में शौच करने की प्रवृत्ति को रोकने निगरानी रखेगी। पंचायत पदाधिकारियों और ग्रामीणों ने खुले में शौच नहीं करने सहित गांव को...
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कचरा प्रबंधन से ही स्वच्छ होगा भारत
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। झाड़ू उठाने भर से नहीं बल्कि कचरे को ठिकाने लगाने से स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाले लाखों टन कूड़े का उचित प्रबंधन न होने से कई तरह की मुश्किलें पैदा हो गई हैं। खुले में शौच बंद करने के पुख्ता उपाय और घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण प्रशासन के लिए कठिन चुनौती बन...
More »आजादी के 67 साल बाद भी छत्तीसगढ़ के जामकुटनी में अंधेरा
राजेश हालदार, पखांजूर (छग)। जिला मुख्यालय से 170 किमी व कोयलीबेड़ा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बेलगाल से 7 किमी दूर ग्राम जामकुटनी में आजादी के 67 वर्षों बाद भी बिजली नहीं पहुंची है। रोशनी के रूप में यहां के ग्रामीणों ने सिर्फ सूरज की ही रोशनी देखी है। बिजली नहीं होने के कारण यहां के रहवासी विकास से कोसों दूर हैं। आधुनिक सुविधाएं यहां हैं ही नहीं। बिना बिजली यहां की...
More »कुछ राज्य अंडा देने से क्यों मुकर रहे हैं? -- ज्यां द्रेज़
पिछले कुछ सालों से भारत के कई राज्यों ने स्कूलों या आंगनबाड़ी केंद्रों या फिर दोनों जगहों पर मिड डे मील में अंडा परोसना शुरू किया है. यह क़दम सामाजिक नीति के क्षेत्र में हुए बेहतरीन चीज़ों में एक है. भारतीय बच्चे दुनिया के सर्वाधिक कुपोषित बच्चों में शुमार हैं. उन्हें प्रोटीन, विटामिन, आयरन तथा अन्य ज़रूरी पोषक-तत्वों से भरपूर भोजन नहीं मिल पाता. रोज़ाना अंडा खाने से उन्हें पलने-बढ़ने और सोचने-समझने...
More »कछुआ चाल से चल रहा है समेकित बाल विकास कार्यक्रम
सुप्रीम कोर्ट के कई अंतरिम आदेशों के बावजूद सरकार समेकित बाल विकास कार्यक्रम को अभी तक सार्विक नहीं बना पायी है। इस बात का खुलासा चौदहवीं लोक लेखा समिति की रिपोर्ट(2014-15) से हुआ है। लोक लेखा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 14 लाख बसाहटों में आंगनबाड़ी केंद्रों को संचालित कर पाने का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का लक्ष्य निकट भविष्य में पूरा होता नहीं जान पड़ता। (देखें...
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