नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। आतंकियों की गोली खाने में किसी से पीछे नहीं रहते। इस बात की गवाह है दंतेवाड़ा में शहादत। पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए आंख-कान का काम भी करते हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर मिलता है मामूली मानदेय का झुनझुना। कहलाते हैं एसपीओ यानी विशेष पुलिस अधिकारी। कई राज्यों में तो वे पहचान के मोहताज होते हैं। जहां की सरकार ज्यादा मेहरबान है, वहां मानदेय के नाम पर तीन हजार...
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उड़ीसा में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर पुलिस हमला बंद करो
अपने हस्ताक्षरों के साथ हम लोग उड़ीसा राज्य पुलिस द्वारा जगतसिंहपुर जिले में प्रस्तावित पोस्को स्टील परियोजना के विरोध में धरना दे रहे किसानों और मछुआरों के खिलाफ बिना किसी उकसावे के की गई फायरिंग और आग लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं. ताजा रिपोर्टों के अनुसार धरनास्थल बालीतुथा गांव में आज 100 से अधिक लोग घायल हो गए और अनेक दुकानें और घर पुलिसकर्मियों ने जला दिए. इस अभियान में पुलिस की करीब 40...
More »गैर सरकारी संस्थाओं का आडिट कैग से हो : अंसारी
जागरण ब्यूरो, शिमला। उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि गैर सरकारी संस्थाओं, स्वायत्त संगठनों, सोसायटियों व ट्रस्ट के कार्यो का ऑडिट भी सरकारी विभागों की तर्ज पर कैग से करवाया जाना चाहिए। उन्होंने सब्सिडी पर खर्च होने वाले सरकारी धन को भी कम करने की वकालत की है। वह मंगलवार को यहां राष्ट्रीय लेखा व लेखा परीक्षा अकादमी के हीरक जयंती समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि...
More »गरीबों के घर पर चस्पा होगा गरीबी का पर्चा!- शशिकांत त्रिवेदी
मध्य प्रदेश सरकार राज्य के हर गरीब के घर के बाहर एक पर्चा लगवाने की योजना बना रही है जिसमें यह बताया जाएगा कि यह घर किसी गरीब का है। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए जल्द ही सरकार विस्तृत योजना तैयार करने वाली है। गरीबों के लिए काम करने वाला कोई भी गैर सरकारी संगठन अभी तक औपचारिक तौर पर इस सरकारी योजना के खिलाफ नहीं आया है। हालांकि, विशेषज्ञों ने...
More »गरीबी के कारण छोड़ देते हैं 21 फीसदी बच्चे पढ़ाई
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तमाम दावों व वादों के प्रचार-प्रसार से देश में पढ़ाई-लिखाई की तस्वीर भले ही आकर्षक लगने लगी हो, लेकिन जमीनी हकीकत ज्यादा नहीं बदली है। आलम यह है कि सरकार चाहकर भी सभी बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने में नाकाम रही है। तमाम दावों के बीच देश के 21 प्रतिशत बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ देने की मुख्य वजह अब भी उनकी गरीबी है। देश में पढ़ाई...
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