ध्य प्रदेश के ग्वालियर में बना विवेकानंद नीड़म बताता है कि जीवन और प्रकृति के बीच सामंजस्य कितना सुंदर हो सकता है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उम्मीद का रंग शायद हरा होता होगा. सूखती नदियों और लगातार दूषित हो रहे पर्यावरण की चिंताओं वाले दौर में विवेकानंद नीड़म को देखकर पहला ख्याल यही आता है. चंबल के सूखे बीहड़ों में बने इस हरे भरे 'आश्रम' को सहजीवन की उस धारणा...
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क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?
अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
More »करोड़ों के शिक्षा दीप जलने से पहले ही बुझे
चंडीगढ़/ पंचकूला. सोलर लालटेन सप्लाई करने वाली एक कंपनी ने प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया। अफसरों को भनक तक नहीं लगी। अलग-अलग जिलों में जब छात्रों ने इन लालटेनों की घटिया क्वालिटी की शिकायत की तब जाकर यह मामला खुला। फिलहाल कंपनी के खिलाफ पानीपत, हिसार, जींद और पंचकूला में एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अक्षय ऊर्जा विभाग ने बाकी जिलों में भी एफआईआर की सिफारिश भेज...
More »देवास : रेवासागरों को यूएनए अवार्ड
देवास [मनीष वैद्य] देवास में जलसंरक्षण और भूजल स्तर बढ़ाने के लिए शुरू किए गए नवाचारी रेवासागर तालाबों को देश और प्रदेश में पहले ही रोल मॉडल माना जा चुका है. लेकिन अब इससे भी आगे बढक़र खबर यह है कि अब रेवा सागर को नवाचारी जल संरचनाओं के लिए यूएनए अवार्ड मिला है. देवास जिले में वर्ष 2006 में तत्कालीन जिला कलेक्टर उमाकांत उमराव ने जिले में गिरते भूजल स्थल...
More »मुखिया को ठेकेदार मत बनाइए- टी आर रघुनंदन
इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...
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