चुनावी विफलताओं से उपजी हताशा और अपनी निष्क्रियता के चलते काफी लंबे समय से देश के पारंपरिक वामपंथी दल राष्ट्रीय-चर्चा से लगभग बाहर हैं. इधर, अचानक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में महासचिव प्रकाश करात और पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी के पक्ष-विपक्ष की दलबंदी के चलते वाम-राजनीति की एक खास बहस सामने आयी है. यह प्रमुखत: गंठबंधन की राजनीति को लेकर है. लेकिन इस बहस में वे सवाल कहीं नहीं...
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मनरेगा में सुधर रही है महिलाओं की हालत
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) से महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिली है। एक विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज ऐंड ओसिएन स्टडीज (केयूएफओएस) के अध्ययन के मुताबिक, योजना के अंतर्गत काम कर रहे 97.3 फीसदी कामगार महिलाएं हैं। यह अध्ययन अलपुझा जिले में मनरेगा योजना के प्रभाव के आकलन के तहत किया गया है।केरल...
More »छत्तीसगढ़ के सरकारी दस्तावेजों में 'सेक्स' नहीं, अब जेंडर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी दस्तावेजों में अब सेक्स के स्थान पर लिंग (जेंडर) लिखा जाएगा। इसमें 'पुरुष', 'महिला' के अलावा 'तृतीय लिंग' वर्ग का भी विकल्प दिया जाएगा। राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की अनुशंसाओं के आधार पर तृतीय लिंग वर्ग के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए यह निर्णय लिया है। राज्य सरकार के सभी विभागों, निगमों,...
More »कैसे पूरा होगा स्वच्छ भारत का सपना- पत्रलेखा चटर्जी
जिस देश में मोबाइल फोन की संख्या निजी टॉयलेट से कहीं अधिक है, वहां स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की रातोंरात अपेक्षा नहीं की जा सकती। लोगों की सहभागिता के बगैर इसमें कामयाबी की उम्मीद करना बेमानी होगा, और यह संवाद के जरिये ही मुमकिन है। एक मित्र की टिप्पणी थी कि अगर कोई झाड़ू कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती, तो इन दिनों इसके शेयर आसमान छू रहे होते। महात्मा...
More »प्रतीकों की राजनीति- प्रमोद मीणा
जनसत्ता 4 अक्तूबर, 2014: गांधीजी के जन्मदिन दो अक्तूबर से देश भर में स्वच्छ भारत अभियान का आगाज करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतीकों की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। सरदार पटेल और कृष्ण का सफल प्रतीकात्मक चुनावी दोहन करने के बाद उनकी नजरें अब गांधी और झाड़ू को एक साथ साधने पर हैं। गांधी के नाम को हर चुनाव में भुनाती आई कांग्रेस दो अक्तूबर को एक रस्मी समारोह...
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