वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...
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माकपा का 15 से जमीन हड़पो अभियान
पटना किसानों और भूमिहीनों की समस्या को फोकस में लाने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) करीब चालीस साल पुराने भूमि आंदोलन को फिर से जिंदा करेगी। पार्टी प्रदेश में 15 मई से 'जमीन हड़पो अभियान' की शुरूआत करेगी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 1971 में यह आंदोलन आरंभ किया था, परन्तु इसके दिशाहीन हो जाने के कारण एक सप्ताह में ही इसे बंद कर दिया था। वाम कार्यकर्ताओं ने उस समय छोटे जमींदारों की जमीन...
More »नशे में उड़ रही है हरित क्रांति की खुशहाली
चंडीगढ़.हरित क्रांति ने पंजाब को खुशहाल किया, लेकिन इस खुशहाली का सबसे बड़ा फायदा नशे के कारोबारियों ने उठाया। नशे की लत अब इस खुशहाली को लील रही है। नशा सेहत के साथ सरहदी जिलों के किसनों की माली हालत भी बिगाड़ रहा है। अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और फिरोजपुर जैसे सरहदी जिलों में हर महीने आधे परिवार नशे पर 1500 से 3000 रुपए खर्च कर रहे हैं। किसान और मजदूर अपनी सुबह की शुरुआत चूरापोस्त और...
More »सरदार सरोवर का सबक
यह सच है कि सरदार सरोवर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है, जो 800 मीटर नदी में बनी अहम परियोजना है। सरकार कहती है कि वह इससे पर्याप्त पानी और बिजली मुहैया कराएगी। मगर सवाल है कि भारी समय और धन की बर्बादी के बाद वह अब तक कुल कितना पानी और कितनी बिजली पैदा कर सकी है और क्या जिन शर्तों के आधार पर बांध को मंजूरी दी गई थी वह शर्तें...
More »जीवन अधिकार यात्रा
इंदौर समर्थक समूह की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नर्मदा घाटी में बन रहे सरदार सरोवर बांध डूब क्षेत्र के निवासियों पर पुनः हमला हुआ है। घाटी के 248 गांवों में बसे 2 लाख पहाड़ी आदिवासी और पश्चिमी निमाड़ के किसान मजदूर, मछुआरे, छोटे व्यापारी आदि जो कि यहां के प्राकृतिक संसाधनों और हरे-भरे खेतों पर निर्भर हैं, को डुबोने की तैयारी हो गई है। पर्यावरण...
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