नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...
More »SEARCH RESULT
राजनीतिक दबाव व पुलिस की बेबसी के चलते यूपी में है जंगल राज- नीलांशु शुक्ल
मैं बीते चार सालों से दिल्ली में नौकरी कर रहा हूं। मूल रूप से यूपी के औद्योगिक केंद्र कानपुर का रहने वाला हूं। अधिकतर लोग जिन्हें बताता हूं कि मैं यूपी का रहने वाला हूं वो एक ही बात कहते हैं कि वहां क़ानून-व्यवस्था बेहद ख़राब है। कभी-कभी तो यूपी के प्रति लोगों की इस मानसिकता पर बेहद गुस्सा आता है, लेकिन प्रदेश में दिनोंदिन बिगड़ रही क़ानून व्यवस्था को...
More »चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन जरूरी--- शरत कुमार
हम सौभाग्यशाली हैं कि देश की चुनाव प्रक्रिया ही कार्यकारी राजनीतिक शक्ति का एक मात्र मार्ग है. हाल के साफ-सुथरे चुनावी परिणाम इसका सबूत हैं. हालांकि, चुनावी-प्रक्रिया में अनेक सुधारों के बावजूद आज भी आम जनता की राय में चुनावी प्रक्रिया देश की मूल खराबियों का मुख्य कारण है, जैसे कि सरकारी खजाने की चोरी, कालेधन की अपार महत्ता आदि. इन सब से जनता का चुनावी पद्धति और व्यवस्था में...
More »आज का योग किसकी देन-- सतीश पेडणेकर
वैश्वीकरण के इस युग में योग भी वैश्विक बन चुका है। करोड़ों लोग योग की साधना कर रहे हैं। महर्षि पतंजलि को अक्सर योग का जन्मदाता कहा जाता है। उन्हें योगसूत्र या योग दर्शन के रचयिता होने के कारण ऐसा कहना उचित भी है। मगर व्यावहारिक दृष्टि से देखें तो आज का योग पतंजलि का राजयोग नहीं, गोरखनाथ का हठयोग है जो मुख्यत: गोरख या नाथपंथी योगियों का योग है।...
More »समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव
वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...
More »