नई दिल्ली. आमिर खान के शो ‘सत्यमेव जयते’ की इस वक्त जबरदस्त चर्चा हो रही है। बीते रविवार को पहली बार टीवी पर दिखाए गए इस शो की काफी तारीफ भी हो रही है तो कुछ लोग इस शो और इसके होस्ट आमिर की आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन कुल मिलाकर आमिर का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट लोगों के बीच बहस का मुद्दा बना हुआ है। चाहे वह आमिर की कोई नई...
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बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
More »गाय के गोठे में शिक्षा ले रहे आदिवासी बच्चे- प्रदीप घुमडवार
कुही. तहसील की राजोला गुट ग्राम पंचायत का आगरगांव सौ प्रतिशत आदिवासी गांव आज भी विकास से कोसों दूर है। इस गांव में प्राथमिक शाला के लिए स्वतंत्र इमारत नहीं होने से बच्चों को गाय के गोठे में बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। यह गांव मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हैं। इसका खामियाजा भुगतने के बाद भी आदिवासी चुपचाप हैं। इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। यहां...
More »इंडिया और भारत के उपभोक्ता- मृणाल पांडेय
उपभोक्तावाद पर कई बेदिमाग टिप्पणियों से यह भी साफ झलकता है कि कई महानगरीय लेखकों की नजर अहं भरी है। उनकी राय है कि गांव या कसबे का बेचारा मनई पूरी तरह बाजार के हाथों की कठपुतली बन नाच रहा है। शहरी बड़े भैया लोगों का यह तर्क आगे जाकर शहरों, खासकर बड़े शहरों के उपभोक्ता को एक अनैतिक उपभोगवादी बाजार बंधु और ग्रामीण मजूर किसानों का खतरनाक वर्ग शत्रु...
More »घर से चलें, गंगा भरें जनांदोलन में उमड़े ग्रामीण
वाराणसी। गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत आदर्श भारतीय संघ (आभास) और शहीद भगत सिंह यूथ ब्रिगेड के घर से चलें, गंगा भरें जनांदोलन में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंडुवाडीह थाने के पास से हजारों लोगों ने बर्तनों में जल लेकर नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और दशाश्वमेध घाट पर उस जल से गंगा नदी को भरा गया। इस दौरान निर्णायक आंदोलन का संकल्प...
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