वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक देश के 58.2 फीसदी कामगार कृषि एवं संबंधित क्षेत्र से अपनी जीविका चला रहे थे. इस तसवीर का दूसरा पहलू यह है कि पिछले दो दशकों में भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी लगातार कम हुई है. 2012-13 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 14.1 प्रतिशत था. दोनों आंकड़ों की तुलना करें, तो यह एहसास होगा कि कृषि अब फायदे...
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85 दौलतमंद लोगों के पास है धरती की आधी से ज्यादा संपत्ति: REPORT
दुनिया में अमीर और गरीब के बीच का फासला इस कदर बढ़ा है कि दुनिया की आधी आबादी के पास जितनी संपत्ति है उतनी संपत्ति दुनियाभर के केवल 85 धनी व्यक्तियों के पास है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक से पहले आक्सफैम की वर्किंगग फार द फ्यू शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें विकसित एवं विकासशील दोनों तरह...
More »अर्थव्यवस्था के मर्ज की दवा- लार्ड मेघनाद देसाई
वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष पहली चुनौती महंगाई है. इससे निबटना नयी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी होगी. पिछले तीन-चार वर्षो से महंगाई की दर बहुत अधिक रही है. महंगाई की समस्या बहुआयामी है. यह अन्य समस्याओं को भी जन्म दे रही है. इससे देश में बहुत बड़ा संकट आया है. अगर सरकार इन चुनौतियों से मुकाबला करने में सक्षम रही, तो भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीदों से...
More »महंगाई कम करने की नीयत चाहिए- देविंदर शर्मा
खाद्य पदार्थो की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है. इस मूल्य वृद्धि को अकसर मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में खाद्यान्नों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है. फिर क्या वजह है खाद्य पदार्थो के मूल्य में होनेवाली वृद्धि की? क्या इसके पीछे जमाखोरों और सट्टेबाजों का हाथ है? आखिर किस...
More »खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...
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