जब भी वापस आती हूं वतन किसी विदेशी दौरे के बाद, तो कुछ दिनों के लिए मेरी नजर विदेशियों की नजरों जैसी हो जाती है। बिल्कुल वैसे, जैसे आमिर खान के नए टीवी इश्तिहार में दर्शाया गया है। मुझे भी जरूरत से ज्यादा दिखने लगती हैं भारत माता के 'सुजलाम, सुफलाम' चेहरे पर गंदगी के मुहांसे, गंदी आदतों की फुंसियां और गलत नीतियों के फोड़े। मुझे आश्चर्य हो रहा है अपने देश...
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देश में पिछले दशक में औसत आयु 5 साल बढ़ी
देशभर के स्वास्थ्य संकेतकों में महत्वपूर्ण सुधार देखने में आया है। पिछले दशक में मनुष्य की औसत आयु (जीवन प्रत्याशा) में भी 5 वर्षो तक की वृद्धि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार, वर्ष 2001-2005 में पुरुषों की औसत आयु 62.3 वर्ष और महिलाओं की 63.9 वर्ष थी। वर्ष 2011-2015 में यह आयु बढ़कर पुरुषों के मामले में 67.3 वर्ष और महिलाओं के मामले...
More »खेती हुई फायदेमंद, अंधविश्वास से उठा विश्वास तो संवरने लगा पुनगी
रांची जिला के मांडर प्रखंड की कंजिया पंचायत का एक गांव है - पुनगी. यह गांव आदिवासी बहुल है. एक समय था जब इस गांव की जमीनें सूखी और बंजर हुआ करती थीं. ग्रामीणों को किसी प्रकार की सुविधाएं नहीं थी. ग्रामीण स्वयं को असहाय महसूस करते थे. रोजी रोटी कमाने के लिए ज्यादातर लोग पलायन कर जाते थे. बाहर के राज्यों में ईंट भट्टों, भवन निर्माण या किसी असंगठित क्षेत्र...
More »खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...
More »गांवों में केवल बूढ़े रह जायेंगे
तकनीक और शहरीकरण पूरी दुनिया को तेजी से बदल रहे हैं. खास कर विकासशील देशों को. अपना देश भी इससे अछूता नहीं है. जैसे-जैसे ‘इंडिया’ 2025 की ओर बढ़ रहा है, हम ‘भारत’ के बारे में भूल रहे हैं. इस श्रृंखला में हम यह आकलन पेश करने की कोशिश करेंगे कि 2025 में कैसी होगी हमारी जिंदगी. पेश है पहली कड़ी. नयी दिल्ली : आज भारत में कस्बे तेजी से शहरों में...
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