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जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर

लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...

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गरीबों का इलाज आसान- कैबिनेट ने दी नयी योजना को मंजूरी

पटना : कैबिनेट ने मंगलवार को बीपीएल परिवारों को सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नयी योजना को मंजूरी दी. इसकी खास बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा व दवाएं उपलब्ध नहीं रहने पर ये सुविधाएं बाहर से उपलब्ध करायी जायेंगी. इस पर आनेवाला खर्च रोगी कल्याण समिति वहन करेगी. इस पैसे की कटौती संबंधित मरीज की बीमा राशि से की जायेगी. बीपीएल परिवार के...

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मौत की बड़ी वजह आधुनिक जीवनशैली

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 2011 की रिपोर्ट  में कहा कि आधुनिक जीवन शैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में हैं. सही खान-पान नहीं होने और बेतरतीब रहन-सहन से लोगों में हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से फ़ैल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये बीमारियां अब गरीब देशों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रही हैं. इसके लिए इन सरकारों को अपनी चिकित्सा...

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सभी जिलों में पीपीपी माडल पर खुलेंगे उच्चस्तरीय अस्पताल : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि सभी जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में उच्चस्तरीय अस्पताल खुलेंगे। वहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभान्वितों को विशेष सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। सुपर स्पेशिलिटी सुविधाओं का भी प्रावधान होगा। योजना आयोग के उपाध्यक्ष के सलाहकार गजेंद्र हल्दिया व रवि मित्तल से मुलाकात के क्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। बैठक में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की विभिन्न परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई। योजना...

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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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