अगर चंपारण और रूस की क्रांति के लिए प्रसिद्ध 1917 देश और दुनिया में संभावनाएं खुलने का वर्ष था, तो 2017 देश और दुनिया के सिकुड़ने का साल माना जायेगा. यह साल संभावनाओं के सिकुड़ने का साल था और संवेदनाओं के सिमटने का साल था. बीते साल में भाजपा का विस्तार और लोकतंत्र का पराभव जारी रहा. भाजपा चुनाव भी जीती और राजनीति के खेल भी. उत्तर प्रदेश में...
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सूने होते गांव-- चंदन चौधरी
एक जमाना था जब कहा जाता था ‘उत्तम खेती, मध्यम बान, अधम चाकरी भीख निदान।' इस कहावत के अर्थ से मेरा गांव भी अछूता नहीं था। जम कर खेती की जाती थी और तब महात्मा गांधी के सपनों के सुराज का प्रभाव यहां दिखता था। यों मेरा गांव बहुत छोटा है, लेकिन अंदर से इतना बड़ा कि यहां सभी लोग आपस में वर्षों से मिलजुल कर और सौहार्द से रहते...
More »आत्मनिर्भरता के लिए हो महिला रोजगार--- जयश्री सेनगुप्ता
आज युवा बेरोजगारी की बात तो लगभग हर कोई करता है लेकिन महिला रोजगार की बात बहुत कम लोग ही करते हैं। महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के तो कई तरीके हैं। यह बात उनके अपने लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगी और उनके परिवार के लिए भी। हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन 10 क्षेत्रों की रूपरेखा तय की...
More »कृषि संकट के बीच उम्मीद की नई कोपलें - देविंदर शर्मा
नए वर्ष की तरफ बढ़ते हुए कुछ ऐसे कदमों से शुरुआत करते हैं, जो कृषि के क्षेत्र में छोटी ही सही, लेकिन उम्मीद बंध्ााते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों को मुफ्त में कृषि आदान जैसे बीज और फर्टिलाइजर वगैरह देगी ताकि लागत कम हो सके। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना आरंभ हुई ताकि किसानों को समर्थन मूल्य व उनके विक्रय मूल्य के अंतर...
More »किसानों के साथ 6 माह बिताए, अब खेती को ही करियर बनाएंगे 70 विद्यार्थी
जबलपुर। खेतों में खाद, पानी, जुताई, बुआई और कीटनाशक के छिड़काव के काम में 70 विद्यार्थी ऐसे रमे कि अब उन्होंने खेती में ही करियर बनाने का मन बना लिया है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि ने 385 छात्र-छात्राओं को किताबी ज्ञान के बाद खेतों में काम करने भेजा तो उन्होंने न सिर्फ परंपरागत खेती सीखी बल्कि किसानों को ग्रीन हाउस, पॉली हाउस, मिट्टी परीक्षण, प्रसंस्करण के उन्नात तरीके भी बताए। छात्राओं...
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