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किताबें तो अब भी काम की हैं- चंद्रशेखर तिवारी

ज्ञान को सर्वसुलभ बनाने में पुस्तकालय से बेहतर दूसरा विकल्प शायद ही हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर वर्ष 2005 में गठित भारतीय ज्ञान आयोग की पहल पर देश में एक स्वायत्त राष्ट्रीय पुस्तकालय आयोग की स्थापना की गई। इस आयोग की देखरेख में पुस्तकालयों के विकास, संरक्षण व संवर्धन की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में देश में सार्वजनिक पुस्तकालयों के चार स्तर...

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छत्तीसगढ़-- कॉलेजों में महिला उत्पीड़न के मामलों में प्रदेश दूसरों से बेहतर

रायपुर। राज्य की यूनिवर्सिटीज एवं कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राएं एवं महिलाएं देश के दूसरे राज्यों की अपेक्षा महिला यौन उत्पीड़न के मामले में महफूज हैं। इसे लेकर उच्च शिक्षा विभाग में खासा उत्साह है। विभाग ने सभी यूनिवर्सिटीज एवं कॉलेजों में जीरो वुमन सेक्शुअल हैरसमन्ट के टारगेट को लेकर निर्देश जारी कर दिया है। किसी भी आपत्तिजनक शिकायत पर त्वरित निदान के लिए कहा गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास...

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किसान आत्महत्या: 5 बदतर राज्यों की तस्वीर- पी साईनाथ

भारत के महराष्ट्र, तेलंगाना सहित आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों की आत्महत्या के सबसे ज़्यादा मामले रिपोर्ट होते हैं. बीते एक दशक से देश भर में होने वाली किसानों की आत्महत्या में दो तिहाई हिस्सेदारी इन्हीं राज्यों की है. नए तौर तरीकों से किसानों की आत्महत्या के मामले की गिनती के बावजूद 2014 में किसानों की कुल आत्महत्या में 90 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले इन्हीं पांच बड़े राज्यों...

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प्रदेश में अब गरीबों के अमृत नमक में भी कटौती

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब परिवारों को रियायती दर पर मिलने वाले अनाज व केरोसीन के बाद अब निःशुल्क नमक पर भी कैंची चला दी है। राज्य के गैर-अनुसूचित विकासखंडों में हर महीने प्रति परिवार अब एक किलोग्राम के हिसाब से नमक दिया जाएगा। जबकि अनुसूचित विकासखंडों में पहले की तरह ही हर महीने प्रति परिवार दो किलो नमक दिया जाएगा। खाद्य विभाग ने इसके लिए छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा...

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जनगणना से मिलते संकेत- अरविन्द मोहन

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...

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