किसी भी सरकार के लिए बजट बनाना अौर उसे पास कराना एक बड़ी चुनौती होती है. यदि यह वित्तीय विधेयक पास नहीं होता, तो इसे सदन के विश्वास का अभाव समझा जाता है अौर सरकार गिर सकती है. अगर बजट पास भी हो जाये अौर उसके प्रावधानों से जनता में असंतोष फैलता है, तब भी किसी सरकार के लिए अपने जनाधार को बरकरार रखना कठिन होता जाता है. हर नयी...
More »SEARCH RESULT
कैसा हो हरदिल अजीज बजट- सुषमा रामचंद्रन
आगामी आम बजट सरकार के लिए बहुत खास है। उसकी दशा-दिशा के लिए यह बेहद मायने रखता है। वैसे तो हर आम बजट देश के वित्त मंत्री के लिए एक चुनौती होता है और सभी को खुश करना भी आसान नहीं, लेकिन अरुण जेटली के लिए एनडीए सरकार का यह तीसरा बजट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई अर्थों में सरकार का राजनीतिक भविष्य इस बजट पर निर्भर करेगा। मोदी सरकार बड़े...
More »महबूबनगर जिले के हाल से सामने आया मनरेगा के 10 सालों का सच - चक्रधर बुद्ध/ राजेंद्रन नारायणन
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून(मनरेगा ) को 10 साल पूरे हो गए हैं। एनडीए सरकार का दावा है कि इसके शासन के चलते इस योजना को लागू करने में बदलाव आया है। इस दावे की सच्चाई पर सवाल उठना लाजिमी है क्योंकि कई जगहों पर इसे लागू करने में कमियां रही है। इस पर ध्यान देने के लिए हम तेलंगाना के महबूबनगर जिले के घटू मंडल का उदाहरण...
More »आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »बुनियादी उद्योगों में सुस्ती बरकरार
नई दिल्ली। देश में आठ प्रमुख उद्योगों वाले कोर सेक्टर की रफ्तार में सुस्ती दिखा रही है। कच्चे तेल, स्टील और प्राकृतिक गैस सेक्टर का उत्पादन घटने की वजह से इन बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर दिसंबर, 2015 में घटकर महज 0.9 फीसद रही है। इससे पिछले साल के समान माह में इनका उत्पादन 3.2 फीसद बढ़ा था। आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, सीमेंट, बिजली, रिफाइनरी उत्पाद और फर्टिलाइजर भी...
More »