रायपुर। छत्तीसगढ़ में विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को यह आरोप लगाते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया कि पुलिस जनजातीय समुदाय के लोगों को नक्सली बताकर उन्हे फर्जी मुठभेड़ में मार डालती है। विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सदस्यों ने एक ग्राम प्रधान की मौत के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि अर्धसैनिक जवानों ने गांव से ग्राम प्रधान को उठा लिया, बाद में वह मृत पाए गए। छत्तीसगढ़ प्रदेश...
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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
More »गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »आइ एम अन्ना एंड आइएम नॉट ए पॉलिटिशियन- पुण्य प्रसून वाजपेयी
आइ एम अन्ना एंड आइ एम नॉट ए पॉलिटिशियन. माथे पर मैं अन्ना हूं और छाती पर टांगे इस स्लोगन के अक्स में, अगर जन लोकपाल के घेरे में आती संसदीय राजनीति के सच को देखें, तो पहली बार जन संघर्ष उस राजनीति को ही खारिज करने पर उतारू है, जिसके आसरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 17 अगस्त को संसद में अन्ना हजारे के आंदोलन को संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा...
More »गरीबी और अमीरी का पैमाना- हर्षमंदर
मई की एक तपती हुई दोपहर को मैं नई दिल्ली में योजना आयोग भवन के सामने एक विचित्र विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुआ था। प्रदर्शनकारी तख्तियां लहरा रहे थे, जोशोखरोश से नारे लगा रहे थे, लेकिन साथ ही वे देश की शीर्ष योजना निर्मात्री संस्था के सदस्यों के लिए कुछ ‘भेंट’ भी लेकर आए थे। उनकी भेंट ठुकरा दी गईं और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को पुलिस ने मामूली झड़प के बाद...
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