स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक समय ऐसा भी था, जब सोवियत संघ के साथ भारत की प्रगाढ़ मैत्री तथा देश में वामपंथियों के बोलबाले के चलते सोवियत संघ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना घोर अपराध माना जाता था। मैं संसद में 1988 में आया और मुझे आश्चर्य हुआ जब संसद में भी सोवियत संघ के खिलाफ बोलने पर वामपंथी सदस्यों तथा अन्य दलों के उनके समान...
More »SEARCH RESULT
उच्च शिक्षा की होड़ से पहले- चंदन श्रीवास्तव
उच्च शिक्षा-संस्थानों में कौन कितना बेहतर है, यह निर्धारित करने के लिए सरकार ने एक देसी फ्रेमवर्क बनाया है. संस्थानों को उनकी श्रेष्ठता के क्रम में ऊपर से नीचे सजाने की तरकीब आकर्षक लग सकती है और जरूरी भी. जो अभिभावक अपने होनहारों की उच्च शिक्षा पर बरसों की जमा रकम खर्च करने का फैसला लेते हैं, या फिर जो छात्र अपनी पढ़ाई के लिए सूद की ऊंची दरों पर...
More »बोले राजन, महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य पर की ब्याज दरो में कटौती
अल्पकालिक नीतिगत दरों में आधी फीसदी की अप्रत्याशित कटौती कर सभी को आश्चर्यचकित करने वाले रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि दीर्घकाल तक महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए जो सबसे बेहतर हो सकता था किया गया है। राजन ने एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए जो सकारात्मक हो सकता था हमने किया है। हम अभी ऐसी परिस्थितियों...
More »खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु
उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
More »भारत: 88 प्रतिशत समुदाय मांसाहारी तो भी मांसाहार में नेपाल से भी पीछे
धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुंचाने के तर्क से कुछ राज्यों में मांसाहार पर कुछ विशेष दिनों में पाबंदी लगाये जाने की खबरों के बीच दो तथ्य गौरतलब हैं.(देखें लिंक) एक, भारत में कुल 4635 समुदाय हैं और इनमें 88 प्रतिशत समुदाय मांसाहारी हैं. और दो, देश के ज्यादातर लोगों के मांसाहारी होने के बावजूद भारत में प्रति व्यक्ति मांस का उपभोग हिन्दू-बहुल नेपाल की तुलना में लगभग दोगुना और वैश्विक...
More »