SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 660

रामदेव के 'सत्‍याग्रह' का डर? काले धन का पता लगाएगी सरकार

नई दिल्‍ली. काले धन के मामले पर विपक्षी दलों के दबाव और योग गुरू बाबा रामदेव के सत्‍याग्रह को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी अब तेजी दिखानी शुरू कर दी है। देश में कितना काला धन है, इसका पता लगाने के लिए सरकार ने एक स्‍टडी कराने का फैसला किया है। यह काम देश के तीन संस्थानों को संयुक्त तौर पर सौंपा गया है। इसके तहत न सिर्फ देश में बल्कि...

More »

16 माह में पता चल जायेगा, कितना है काला धन

नयी दिल्लीः वित्त मंत्रालय द्वारा शुरू कराया गया काले धन का पता लगाने का काम 16 माह में पूरा किया जाएगा. काले धन का पता लगाने के लिए बढ़ते दबाव के बीच सरकार देश विदेश में जमा काले धन का आकलन करने और कालेधन के अन्य पहलुओं का गहन अध्ययन करवा रही है. देश के तीन शीर्ष स्तर के संस्थान इस काम को अंजाम देंगे. साथ ही ये यह भी बताएंगे कि...

More »

मजदूरों के हाथ-पांव में कीलें ठोंकी

रोजी-रोटी की तलाश में झारखंड से चेन्नई गये छह मजदूरों को नक्सली कह कर पीटा गया, उनके पैरों में कीलें ठोंकी गयी. हर साल लगभग पचास हजार मजदूर काम की तलाश में बाहर जाते हैं. अन्य राज्यों में यहां से काम और पढ़ाई के लिए गये मजदूरों व छात्रों को कठिनाइयों को सामना करना पड़ता है. रांची के दो छात्रों की मुंबई में हुई हत्या भी साबित करती है कि झारखंड...

More »

झोपड़ियों के लिए मेधा भूख हड़ताल पर

गोलीबार नगर में स्थित झोपड़ों पर की गई कार्रवाई के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और उनके सहयोगी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। ि पछले सप्ताह कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए यहां के 25 मकानों को बुलडोजर से तुड़वा दिया था। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री की ओर से कोई कार्रवाई न करने के आदेश के बावजूद की गई थी। ...

More »

काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करें: बाबा रामदेव

यवतमाल. देश की जनता दरिद्रता, बीमारी, भूख, कुपोषण से पीड़ित है। सभी तरह से बेहाल है फिर भी देश के नेताओं ने जनता को चूस-चूसकर भ्रष्टाचार के माध्यम से थोड़ा नहीं बल्कि 4 लाख करोड़ रु. का काला धन विदेशी बैंक में जमा कर रखा है। इस काला धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देश में लाना जरूरी है। इस राष्ट्रीय संपत्ति का उपयोग करने से देश सिर्फ बलवान ही नहीं...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close