SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2042

मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल

भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...

More »

40 दशक में औसत बारिश घटी, इसका क्षेत्रीय असंतुलन भी बढ़ा : सरकार

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि भारत में पिछले चार दशक के दौरान न सिर्फ मौसमी बारिश की औसत मात्रा राष्ट्रीय स्तर पर घटी है बल्कि पिछले एक दशक में मानसून के क्षेत्रीय वितरण का असंतुलन भी बढ़ा है. मौसम विभाग की एक आंकलन रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा चक्र में बदलाव का सीधा असर बारिश की अधिकता वाले पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की कमी और कम...

More »

किस तेजी से बदला मौसम का मिजाज, क्या हुआ अर्थव्यवस्था पर असर, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में..

बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर हाल-फिलहाल सुर्खियां लगती रही हैं और आगे की पंक्तियों में आप पढ़ने जा रहे हैं कि बीते दो दशकों में तुलनात्मक रुप से मौसम का मिजाज किस भयावहता से बदला है. इस साल अप्रैल माह में जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के मिजाज में आये तेज बदलाव के कारण जो सूखा-बाढ़ या आंधी-तूफान और बारिश सरीखी अप्रत्याशित घटनाएं पेश आयी हैं उनका...

More »

कीटनाशकों पर अंकुश से कम हो सकती हैं किसान-आत्महत्याएं- नई रिपोर्ट

दुनिया में आत्महत्या के हर पांच मामले में एक मामला कीटनाशक के जरिये आत्महत्या करने का होता है और आत्महत्या का यह तरीका निम्न आय-वर्ग में शामिल देशों के ग्रामीण तथा खेतिहर इलाकों में देखने को मिलता है. यह कहना है हाल ही में प्रकाशित पुस्तिका प्रीवेंटिंग स्यूसाइड: ए रिसोर्स फॉर पेस्टिसाइड रजिस्ट्रार्स एंड रेग्युलेटर का.   विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ युनाइटेड नेशन्स (एफएओ) द्वारा संयुक्त रुप से प्रकाशित इस...

More »

पूरी दुनिया में गेहूं पर मंडराता संकट -ललित मौर्या

दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग के चलते दिनोंदिन जल संकट गहराता जा रहा है, इसका बुरा असर न केवल पानी की उपलब्धता पर पड़ रहा है, बल्कि गेहूं, धान जैसी फसलों पर भी पड़ रहा है, आज दुनिया के 15 फीसदी गेहूं उत्पादक क्षेत्र जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे हैं, यदि इसकी रोकथाम के लिए व्यापक कदम नहीं उठाये गए तो इस सदी के अंत तक यह आंकड़ा 60 फीसदी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close