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“मुझे पता नहीं कि भारत देश कितने दिनों तक इस रास्ते पर चलेगा”: साईबाबा को अरुंधति रॉय का पत्र

-न्यूजलॉन्ड्री, सेवा में, प्रोफेसर जीएन साईबाबा अंडा सेल, नागपुर सेंट्रल जेल नागपुर, महाराष्ट्र प्रिय साई, सबसे पहले मैं माफी मांगती हूं कि मैं अरुंधति लिख रही हूं न कि अंजुम. आपने तीन साल पहले उन्हें खत लिखा था, तो निश्चय ही उसे आपको जवाब देना बनता है लेकिन मैं क्या कह सकती हूं- वाट्सएप और ट्विटर की भागमभाग के इस दौर में भी उसके समय की समझ आपकी-मेरी समझ से बिल्कुल अलग है....

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मक्के की फसल पड़ रही पीली, बाढ़ बढ़ाएगी और मुश्किलें

-डाउन टू अर्थ, मेरे पास कुल डेढ़ बीघा खेत है। खेतों में मक्का लगाया था लेकिन इतनी बारिश हुई है कि पत्ते पीले पड़ गए हैं। शायद ही खेत से कुछ मिल पाए। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में पेंट और पॉलिश का काम करते थे, जबसे लौटे हैं तबसे बस चरवाही का काम कर रहे हैं। दो मवेशी हैं उन्हीं के साथ दिन बीत जाता है। कोरोना के डर की वजह...

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क्या मनरेगा के लिए आंवटित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज लॉकडाउन के दौरान वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार साबित होगा ?

साल 2020 की शुरुआत में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित अर्थशास्त्रियों ने साल 2020-21 के लिए गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत कम से कम 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की. लेकिन 1 फरवरी को वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत केवल Rs.61,500 करोड़ आवंटित किए. जोकि 2019-20 में मनरेगा पर खर्च किए गए फंड की तुलना...

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लॉकडाउन का असर: देश भर में छह फीसद घट जाएगी बिजली की मांग

-इंडिया टूडे, ऊर्जा की खपत देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना होता है. मौजूदा वित्त वर्ष में भारत में बिजली की मांग छह फीसद तक घट सकती है. रेटिंग एजेंसी इक्रा के ताजा अनुमान के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण देश में बिजली की मांग पिछले साल की तुलना में छह फीसद कम रहेगी. एजेंसी ने अपने पिछले अनुमान में बिजली की खपत एक फीसद घटने की आशंका जताई...

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भारत के दक्षिणी राज्यों में लगभग 10 लाख महिलाओं ने कैसे बंद किया बीड़ी बनाना

द प्रिंट, ऐसे समय में, जब भारत में बहस चल रही है कि महिला मज़दूरों पर बीड़ी उद्योग के बोझ को कैसे कम किया जाए, देश के दक्षिणी सूबे इसका एक खाका पेश कर रहे हैं. 1993 से 2018 के बीच, भारत में बीड़ी मज़दूरों की संख्या में, कुल मिलाकर 21 लाख का इज़ाफा हुआ है लेकिन दूसरी तरफ एक अच्छी खासी गिरावट भी देखी गई. दक्षिणी सूबों- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना...

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