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महिला श्रमिकों की पीड़ा

नई दिल्ली [प्रदीप कुमार मील]। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के कुल काम के घटों में से महिलाएं दो तिहाई घटे काम करती हैं, लेकिन वह केवल 10 फीसदी आय ही अर्जित करती हैं और विश्व की केवल एक फीसदी संपत्ति की ही मालकिन हैं। भारतीय संदर्भ में महिला श्रम या श्रम में महिलाओं की भागीदारी पर बात करते समय पिछले कुछ वर्षो में तीन विषेष तथ्य सामनें आतें...

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सब्जी बीज उत्पादन को नवजीवन

पटना। लोक कार्यक्रम और ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद (कपार्ट) भारतीयकृषि अनुसंधान परिषद केसाथ मिलकर सूबे के हाजीपुर और सारण में सामुदायिक आधारित कृषि तकनीक को विकसित करेगा। कपार्ट के सदस्य सचिव दीपांकर श्रीज्ञान ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से संस्था को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है। कपार्ट के महानिदेशक मो.हलीम खान ने निर्देशित किया है कि कृषि विज्ञान केंद्र, हाजीपुर की साझेदारी से सब्जी बीज के उत्पादन और...

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बच्चे पढ़ने लगे बिहार के राघव की कहानी

पटना [भारतीय वसंत कुमार]। बिहार में वैशाली जिले के मंसूरपुर में रहने वाले राघव की कहानी इन दिनों देश के बच्चे पढ़ने लगे हैं। राघव ने बिना किसी तकनीकी शिक्षा के अपने गांव के लिए 'कम्युनिटी रेडियो' का माडल विकसित किया। इस राह में उसे कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा। पुलिस के चक्कर भी लगाने पड़े। लेकिन उसके प्रयास को सफलता मिली और इस समय वह अजमेर [राजस्थान] के...

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लोकतंत्र की थाली में समरसता परोस रही पंचायतें

सिरसा। इसमें संदेह नहीं कि वक्त का पहिया तेजी से घूमा है और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कई परपराएं पीछे छूट गई है। लेकिन राजनीति के जमा-घटा के बीच पूर्वजों के जमाने का पंचायती राज फिर से उभरने लगा है। एक तथ्य साफ उभर कर आ रहा है कि कई पंचायतें लोकतंत्र की थाली में सामाजिक समरसता परोस रही है। सिरसा जिले में एक दर्जन से अधिक सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए हैं। इसके अलावा...

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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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