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‘सरकार के पास सिर्फ 6 महीने का वक्त है'

केंद्र के साथ समझौते के बाद पैदल दिल्ली कूच करने वाले 40 हजार भूमिहीन और आदिवासी सत्याग्रही वापस लौट चुके हैं. इस अभियान के नेता पीवी राजगोपाल राहुल कोटियाल को बता रहे हैं कि सरकार वादों से मुकरी तो फिर आंदोलन होगा 2007 में भी सरकार आपसे वादा करके मुकर चुकी है. ऐसे में आप इस समझौते पर कितना विश्वास करते हैं? 2007 की पदयात्रा के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक आयोग...

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भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का कठिन दौर-सुरेंद्र किशोर

जनसत्ता 22 अक्टुबर, 2012: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर भी देश का लगभग पूरा राजनीतिक वर्ग आरोपितों का इन दिनों अतार्किक ढंग से बचाव करता नजर आ रहा है। कोई दल या नेता अपनी कमी या गलती मानने को आज तैयार नहीं है। सुधरने का तो कहीं से दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं। इससे भी, भ्रष्टाचार की समस्या की गंभीरता का पता चलता है। देश के अधिकतर नेताओं के ताजा रुख...

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सहकारिता से चुनावी सबक- शिरीष खरे

केंद्र सरकार द्वारा सहकारिता अधिनियम में किए गए एक बदलाव ने मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच सहकारिता  चुनाव को अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास बना दिया है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. मध्य प्रदेश में सहकारी संस्थाओं पर सत्तासीन होने के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच की उठापटक के साथ ही आगामी विधानसभा का चुनावी बिगुल भी बज गया है. असल में यह 2013 के...

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पेशेवर दक्षता बनाम संघर्ष- अनिल चमड़िया

जनसत्ता 17 अक्टुबर, 2012: भूमंडलीकरण का दौर शुरू होने के बाद, कई दूसरे कामों में लगे लोगों का राजनीति में वर्चस्व बढ़ा है। राजनीति में पहले किसी राजनीतिक संगठन का कार्यकर्ता होने की शर्त होती थी। अलबत्ता कुछेक दूसरे पेशों के लोग भी राजनीति में अपना प्रभाव रखते थे। इनमें खासकर वकील होते थे। लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता कार्यकर्ताओं और राजनीतिक संस्कृति के दबाव में रहती थी। राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस...

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संपूर्ण सत्याग्रह का अर्थ- श्री भगवान सिंह

जनसत्ता 2 अक्टुबर, 2012: महात्मा गांधी ने दुनिया को कोई नया वाद या सिद्धांत देने का दावा नहीं किया। उन्होंने तो अपने आचरण से वह मार्ग दिखाया जिस पर चल कर समस्त प्राणियों की हित-साधना की जा सकती है। इसीलिए उन्होंने कहा कि ‘मेरा जीवन ही संदेश है।’ तब प्रश्न यह आता है कि इस संदेश या मार्ग को किन शब्दों के सहारे समझा जाए? जहां तक मैंने समझा है,...

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