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भारत, इंडिया या फिर हिंदुस्तान, गृह मंत्रालय को नहीं मालूम क्या है हमारे देश का नाम

मुंबई. हमारे देश का नाम क्या है, भारत, इंडिया या फिर हिंदुस्तान। देश के गृह मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नहीं है कि आखिर हमारे देश का वास्तविक नाम क्या है। गृह मंत्रालय ने इस बात को एक सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देते हुए स्वयं माना है। गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि भारतीय संविधान में किसी राष्ट्रभाषा की कोई जानकारी नहीं है, जबकि संविधान में...

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मुद्दा: अन्ना का अनशन या संन्यासी का सत्याग्रह

दो मुहिम। मकसद एक। जनमानस को उद्वेलित करने वाला पहला आंदोलन गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चला। शांति और सादगी से ओतप्रोत इस आंदोलन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मौन जनाक्रोश हर जगह दिखा। शासन को भी इस गंभीरता का शीघ्र ही अहसास हो चला। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जरूरी तरकीबों को ढूंढने का चरणबद्ध सिलसिला शुरू हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ ही दूसरे आंदोलन का...

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नेपाल: रामदेव के ट्रस्ट पर सस्‍ती जमीन लेकर बिल्डर्स को बेचने का आरोप, होगी जांच

काठमांडू. बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की जमीन पर भारत में तो विवाद चल ही रहा है, अब पड़ोसी देश नेपाल में भी ट्रस्ट की जमीन  पर विवाद खड़ा हो गया है। ट्रस्ट ने 2007 में रियायती दरों में करीब 100 एकड़ जमीन सरकार से ली थी, लेकिन बाद में इसमें से बड़ा हिस्सा बाजार भाव में बेच दिया गया। नेपाल की सरकार ने काठमांडू से 20 किलोमीटर दूर सांगा गांव में...

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दिग्विजय बोले, पीएम भी हों लोकपाल के दायरे में

गुना. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मंशाओं पर सवाल खड़े करने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अब प्रधानमंत्री और उच्च न्यायपालिका को लोकपाल के दायरे में लाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा,मेरे विचार से प्रधानमंत्री, उच्च न्यायपालिका, स्वैच्छिक संगठन और औद्योगिक घरानों को लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोकपाल अपनी ताकत का दुरुपयोग नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि जब वे मप्र के मुख्यमंत्री थे,...

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विकास रोक देगा यह कालाधन-- अरुण कुमार

आज भारत में लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों में अवैध तरीके अपनाये जाते हैं. यह स्थायी और संस्थागत रूप ले चुका है. वर्तमान दशक को घोटालों का दशक कहा जा सकता है. जिन लोगों पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्होंने बेशर्मी से मामले को अंतिम समय तक दबाने की कोशिश की. चाहे मामला 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन का हो या फ़िर कॉमनवेल्थ घोटाले का. यही वजह है कि सत्ताधारी पार्टियां...

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