इस समय सकल घरेलू उत्पाद या ग्रास डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) में वृद्धि वापस पटरी पर आ चुकी है। देश में कुल उत्पादन की मात्रा का ब्योरा जीडीपी से मिलता है। नोटबंदी से पहले हमारी जीडीपी की ग्रोथ रेट 7 से 8 प्रतिशत रहती थी। नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद यह ढीली पड़ गई थी। अब यह पुरानी दर पर वापस पहुंच गई है। दूसरा शुभ संकेत शेयर बाजार...
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संवेदनहीन व्यवस्था और लापरवाह चिकित्सक-- सुनीता मिश्रा
दुनिया भर में डॉक्टरों को भगवान का पर्याय माना जाता है। लेकिन पैसों की भूख और लापरवाही के कारण उनमें संवदेनशीलता शून्य होती जा रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के झांसी में एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इलाज के लिए आए एक व्यक्ति के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर रख तकिया बना दिया।...
More »किसानों से छलावा : फसल बीमा का लाभ मिला महज 35 पैसे
अहद खान, झाबुआ। खरीफ 2016 की फसलों के लिए किए गए फसल बीमा की क्लेम राशि किसानों के खातों में जमा कर दी गई है। जिले में लगभग 1500 किसानों को इसका लाभ दिया गया। वैसे इसे लाभ कहना ठीक नहीं होगा। जिले में किसानों के साथ ऐसा छलावा हुआ कि वो समझ नहीं पा रहे क्या किया जाए। किसानों के साथ धोखे को इसी बात से समझा जा सकता...
More »वित्त वर्ष 2016-17 में BSNL, MTNL और एयर इंडिया का प्रदर्शन सबसे खराब
नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 में इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और कोल इंडिया सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) रहे। इसके विपरीत दोनों सरकारी दूरसंचार उपक्रमों बीएसएनएल और एमटीएनएल तथा सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने सबसे अधिक घाटा दर्ज किया। इस अवधि में सभी सार्वजनिक उपक्रमों का रिजर्व और सरप्लस 8.98 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.23 लाख करोड़ रुपये हो गया। संसद में मंगलवार को पेश पीएसयू...
More »क्यों ठीक नहीं है 'फेक न्यूज' शब्द का प्रयोग- पढ़िए, युरोपीय कमीशन की इस रिपोर्ट में..
फेक न्यूज क्या है, क्या आपने कभी इसकी परिभाषा करने के बारे में सोचा है ? किसी जवाब तक पहुंचने से पहले नीचे दर्ज दो घटनाओं पर गौर कीजिए! नोटबंदी के वक्त एक वीडियो वायरल हुआ कि सरकार ने जो नये नोट जारी किए हैं उनमें जीपीएस-ट्रैकिंग माइक्रोचिप्स लगे है. क्या उस वीडियो को फेक न्यूज का उदाहरण माना जाये, जैसा कि उस वक्त एक खबर में करार दिया गया ? नये नोट...
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