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दो रुपये और महंगा होगा सांची दूध

भोपाल। खान-पान की आम वस्तुओं के आसमान छूते भावों से परेशान राजधानी वासियों के साथ-साथ अब नौनिहालों का निवाला यानी दूध भी महंगा होने वाला है। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित ने दूध क्रय करने की दरों में वृद्धि करके इसका संकेत दे दिया है। संभावना है कि दूध के दामों में प्रति किलो दो रुपए तक की बढ़ोत्तरी की जा सकती है। वर्तमान में सांची स्मार्ट, ताजा, शक्ति, गोल्ड और डायमंड पैक...

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विकसित देशों कम है देश में कृषि रसायनों की खपत

हिसार, जागरण संवाददाता हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिकों के मुताबिक देश में हालाकि विकसित देशों के मुकाबले कीटनाशक रसायनों की कृषि में खपत बहुत कम है फिर भी कृषि उत्पादों तथा पर्यावरण में इन हानिकारक रसायनों के अवशेष मिलना आम बात है जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। खाद्य पदार्थो तथा पर्यावरण में कीटनाशक रसायनों के निर्धारित सुरक्षित मात्रा से अधिक अवशेष पाए जाने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है। विश्वविद्यालय के...

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बीटी बैंगन के खिलाफ खड़े हुए शिक्षक

चंडीगढ़. केंद्र सरकार द्वारा बीटी बैंगन को मंजूरी दिए जाने के विरोध में किसान ही नहीं बल्कि शिक्षक, विद्यार्थी और दूसरे वर्ग भी आवाज उठाने लगे हैं। केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्री जयराम रमेश के चंडीगढ़ दौरे से एक दिन पहले वीरवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बीटी बैंगन की शवयात्रा निकाली। केंद्र सरकार की जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड अप्रूवल कमेटी (जीईएसी) द्वारा बैंगन में बीटी बैक्टीरिया के इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के...

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खनकती चूड़ियों के बीच हरित क्रांति

संझौली, रोहतास [प्रमोद टैगोर]। पहले जारी होता था सासू जी का फरमान-बहू, घर से बाहर मत निकलना, खानदान की नाक कट जाएगी। पर, अब ऐसी बात नहीं। बदलते परिवेश के साथ जमाना काफी बदला है। सासूजी खेत की मेड़ पर बच्चों की देखभाल कर रही हैं और बहुरिया खेती का काम। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के मथुरापुर गांव में महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर बन गयीं हैं। इनके हाथों की खुरपी, कुदाल, टोकरी ने...

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कहीं ये छोटे हिमयुग की शुरुआत तो नहीं

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र के एक जलवायु विशेषज्ञ ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में अंटाकर्टिका जैसी ठंड पड़ने पर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह एक छोटे हिमयुग की शुरुआत हो सकती है। आने वाला समय में सर्दी और बेदर्द होगी। साथ ही मैदानी इलाकों में भी हिमपात का अनुपात बढ़ेगा। जर्मनी की केल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण परिवर्तन की रिपोर्ट के लेखक मोजिब लातिफ अगले 30 साल...

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