ट्रैक्टरों की खरीदारी का देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे उतार-चढ़ाव से क्या रिश्ता हो सकता है ? अगर इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको जेहन पर ज्यादा जोर देना पड़ रहा हो तो इस न्यूज एलर्ट को ध्यान से पढ़िए और सोचिए कि ट्रैक्टरों की खरीदारी के जिस आंकड़े के सहारे अर्थशास्त्रियों का एक समूह देश की अर्थव्यवस्था की खुशहाली के निष्कर्ष निकाल रहा है, उन्हीं आंकड़ों...
More »SEARCH RESULT
बच्चों में कुपोषण दूर करने के लक्ष्य से कितना पीछे है भारत, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में
देश में भोजन और पोषण के हालात के आकलन पर केंद्रित एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत रुद्धविकास (स्टंटेड ग्रोथ) से पीड़ित बच्चों की संख्या में कमी लाने के अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे रह सकता है. संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम तथा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की इस संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक पोषण के मोर्चे पर मौजूदा रुझानों के जारी रहते भारत में पांच साल तक उम्र वाले हर तीन...
More »कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा
बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...
More »पूर्वोत्तर की भीतरी और बाहरी विडंबनाएं- रामचंद्र गुहा
विडंबना और शायद त्रासदी यह है कि हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिस्से संघर्ष और हिंसा से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं। इसमें कश्मीर घाटी, मध्य भारत (विशेषकर बस्तर) के जंगल, और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। मानवशास्त्री वेरियर एल्विन की धारा का अनुकरण करते हुए 1990 के दशक में मैंने पूर्वोत्तर का दौरा किया था। एल्विन इंग्लैंड में जन्मे और पढ़े-लिखे थे, युवा वय में भारत आए, तो फिर नहीं...
More »बजट में दीर्घकालिक विकास के लिए रणनीति नहीं दिखाई देती- एम के वेणु
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट न्यू इंडिया में कतार के आखिरी व्यक्ति के सशक्तीकरण की बातें तो खूब करता है, लेकिन यह इस सवाल का कोई जवाब नहीं देता है कि आखिर निवेश और उपभोग के दोहरे इंजन से चलने वाली विकास की गाड़ी में धक्का में लगाए बिना एक पूरी तरह वित्त पोषित कल्याणकारी राज्य को कैसे चलाया जाएगा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बातें...
More »