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कृषि मंत्रालय के अनुसार देशभर में लॉकडाउन के बीच गेहूं की 67 फीसदी कटाई पूरी

-आउटलुक,  कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए देश में अब तक गेहूं के कुल 310 लाख हेक्टेयर रकबे के 67 फीसदी की कटाई की जा चुकी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मौजूदा अनिश्चितता के बीच कृषि संबंधी कार्य उम्मीद बढ़ाने वाली गतिविधियां है, जो देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। पूरे देश में किसान और खेतिहर मजदूर सभी विपत्तियों...

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कोरोना का असर: पैनिक खरीदारी से आवश्यक वस्तुओं के बढ़े दाम

-आउटलुक, कोरोना वायरस के कारण खाने-पीने की चीजों की पैनिक खरीदारी होने लगी है, जिस कारण दालें, खाद्य तेल, आटा, आलू, प्याज आदि की कीमतों में तेजी आई है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार खुदरा बाजार में आलू के दाम बढ़कर शनिवार को 30 रुपये और प्याज के 40 रुपये प्रति किलो हो गए, जबकि 17 मार्च को इनके भाव क्रमश: 25 और 30 रुपये प्रति किलो थे। इस दौरान आटा...

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धरती कथा: डायरेक्ट की इनडायरेक्ट मुश्किलें

-आउटलुक हिंदी   “खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों में चली गई है। उपभोक्ता हित के लिए घरेलू किसानों की कीमत पर सस्ते आयात का रास्ता फिर खोला जा सकता है” डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष का रास्ता कई इनडायरेक्ट यानी अप्रत्यक्ष दिक्कतें लेकर आता है। यह बात कृषि क्षेत्र और किसानों के मामले में काफी हद तक लागू होती है। मसलन, सरकार को पता है कि दूध, गन्ना, आलू और प्याज जैसी फसल उगाने वाले...

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दालों एवं खाद्य तेलों की कीमतों पर अंकुश की तैयारी, केंद्र की राज्यों को सस्ती दालें बेचने की योजना

खुदरा में दालों के साथ ही खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी रोकने के लिए केंद्र सरकार, राज्य को बाजार भाव से 15 रुपये प्रति किलो सस्ती दर पर दालें बेचेगी, साथ ही मूंगफली दाने के निर्यात पर रोक के साथ ही खुले बाजार में डेढ़ लाख टन मूंगफली बेचने की तैयारी कर रही है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दालों की कीमतों को काबू करने...

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इन नीतियों से कृषि नहीं उबरेगी

“नीतियों का फोकस बदलें और प्रतिबंधों से मुक्त कर किसान को अपनी बुद्धिमानी से चयन करने दें” कृषि क्षेत्र की नीतियां बनाने में खाद्य सुरक्षा पर फोकस रहा है। यह वाजिब भी है क्योंकि देश में खाद्य वस्तुओं की कमी और आयात पर निर्भरता से निपटने के लिए हरित क्रांति इसी वजह से शुरू की गई। वाजिब कीमत पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हमारी नीतियों के केंद्र में रही और बाद...

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