पिछले महीने से सरकार कभी अच्छे दिनों के पुराने सपने जगाती है, कभी देशभक्ति की दुहाई दे जनता से नोटबंदी के इन बुरे दिनों को झेल ले जाने का अनुरोध करती है। फिर भी जब खराब खबरें आना बंद नहीं होतीं, तो वह पटरी बदल लेती है। उत्तर प्रदेश, पंजाब चुनावों की जनसभाओं में अब लुटियन की सरकारी दिल्ली को, पूर्व कांग्रेसनीत सरकार और उसके करीबी मीडिया को, और अंत...
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खेतों का संकट और कुश्ती के अखाड़े-- हरिवंश चतुर्वेदी
ग्लैमर, प्रेम और रोमांस से भरी बॉलीवुड फिल्मों से ऊबे दर्शक अब खेलकूद और खिलाड़ियों की जीवनियों से जुड़ी फिल्मों को ज्यादा पसंद कर रहे है। लगान, चक दे! इंडिया, भाग मिल्खा भाग, पान सिंह तोमर और मैरी कोम जैसी फिल्मों की सफलता से उत्साहित बॉलीवुड निर्माताओं का ध्यान हाल के वर्षों में कुश्ती से जुड़ी कहानियों पर गया है। सलमान खान पश्चिम उत्तर देश की कुश्ती से जुड़ी कहानी...
More »ताकि लड़कियां हों लीडर --- सुजाता
अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य की पिछले दिनों एक महत्वपूर्ण घटना कही जा सकती है अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव और उसमें भी डोनाल्ड ट्रंप की जीत. इसे राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर हिलेरी क्लिंटन की हार भी कही जा सकती है. राजनीतिज्ञ इसकी बारीकियों को बता सकते हैं और आनेवाले दिनों में विश्व राजनीति व अर्थव्यवस्था से जुड़ी भविष्यवाणियां भी कर सकते हैं. राष्ट्रपति के तौर पर नहीं, स्त्री के तौर...
More »नोटबंदी पर विपक्ष का अनुचित रवैया - संजय गुप्त
काले धन के खिलाफ एक बड़े कदम के रूप में पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट चलन से बाहर करने के मोदी सरकार के फैसले के विरोध में विपक्षी दल जिस प्रकार संसद के भीतर-बाहर हंगामा कर रहे हैं, वह हैरान करने वाला भी है और भ्रष्टाचार-काले धन के खिलाफ होने के उनके दावे की पोल खोलने वाला भी। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा और वाम दलों के...
More »क्यों बढ़ रही है इलाज में लापरवाही-- महेन्द्र अवधेश
ओड़िशा एक बार फिर शर्मसार है। दाना मांझी प्रकरण की कालिख से बदरंग हुआ चेहरा भी राज्य सरकार को सबक नहीं दे सका। बीते अठारह अक्तूबर को राउरकेला जिला अस्पताल में लहुणीपाड़ा निवासी बबलू भूमिज अपनी ढाई साल की बच्ची का शव घर ले जाने के लिए एक अदद एंबुलेंस की खातिर डॉक्टरों की मनुहार करते रहे, लेकिन चौबीस घंटे तक भरसक प्रयास करने के बावजूद वह अंतत: नाकाम रहे।...
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