नवम्बर महीने की शुरुआत से दिल्ली और उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से को धुएं और कुहासे के मेल से बने धुंधलके की एक मोटी परत ने घेर रखा है और इस बात पर तीखी बहसें हो रही हैं कि दिल्ली में वायु-प्रदूषण का स्तर किन कारणों से बढ़ रहा है। साल 2012 के जनवरी महीने में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की ऋद्धिमा गुप्ता की रिपोर्ट आई और इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश...
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कृषि उत्पादन नहीं, मूल्य बढ़ायें- भरत झुनझुनवाला
अर्थव्यवस्था में तीव्र विकास के बावजूद कृषि और किसानों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. पिछले साठ वर्षो में प्रत्येक सरकार ने कृषि में सुधार का संकल्प लिया है, किंतु स्थिति बिगड़ती गयी है, जैसा कि आत्महत्या की बढ़ती संख्या से अनुमान लगता है. मूल कारण यह है कि सरकार का ध्यान कृषि उत्पादन में वृद्धि की ओर ज्यादा रहा है, मूल्यों में वृद्धि की ओर कम. मान्यता है कि...
More »खाद की कमी से गेहूं की खेती पर संकट
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। चालू रबी सीजन में गेहूं की पैदावार को बढ़ाने की सरकारी मंशा पर खादों की कमी पानी फेर सकती है। गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर, मध्य प्रदेश और बिहार में बुआई के लिए डीएपी और एनपीके जैसी खादों की कमी है। जबकि पंजाब व हरियाणा में, जहां गेहूं की बुआई लगभग हो खत्म चुकी है, पहली सिंचाई के वक्त यूरिया की कमी खल रही है। राज्य सरकारों ने...
More »गेहूं की बुआई के आंकड़ों में फेरबदल
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। चालू रबी सीजन में गेहूं की घटती बुआई के मद्देनजर कृषि मंत्रालय ने पिछले साल के आंकड़े को ही बदल दिया है। ताकि गेहूं बुआई की खराब स्थिति को पिछले साल की भारी बुआई के मुकाबले संतोषजनक दिखाया जा सके, लेकिन आंकड़ों के इस घालमेल से सरकार और गंभीर उलझन में फंस सकती है। क्योंकि इसी आधार पर गेहूं की पैदावार को भी संशोधित करना पड़...
More »गन्ना पेराई पर असमंजस बरकरार
उत्तर प्रदेश में समय से गन्ना मूल्य की घोषणा के बावजूद राज्य की ज्यादातर चीनी मिलों ने अपने पेराई सत्र की शुरुआत का ऐलान नही किया है। पेराई सत्र में हो रही देरी ने गन्ना किसानों की परेशानी को बढ़ाने का काम किया है। गन्ने का खेत खाली न होने की दशा में राज्य में गेहंू की बुआई पिछड़ सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने...
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