अवसाद और तनाव की सौगात देने वाली हमारी शिक्षा व्यवस्था अब वाकई चिंतनीय हालात पैदा कर रही है। इस बाबत हाल ही में संसद में सरकार द्वारा पेश किये गए आंकड़े डराने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल 8 हजार से ज्यादा छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। इतना ही नहीं, सफलता और आगे बढ़ने की ललक और दबाव इतना है कि मनपसंद नौकरी या पेशा न...
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किशोरों में बढ़ती आत्महत्याएं- अंजलि सिन्हा
कोटा के कोचिंग संस्थानों में तनावग्रस्त बच्चों तथा इनमें से कुछ के आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने की खबरों के बीच तथा शेष समाज में इसके प्रति व्यक्त की जा रही चिंताओं के चलते कोटा शहर के 40 कोचिंग संस्थानों ने मिल कर चौबीस घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू की है, जो परेशान छात्रों की काउंसेलिंग करेगी. निश्चित ही ऐसी सेवा शुरू होने से छात्रों को शेयरिंग का एक...
More »आरटीई नेे 4 साल में 73% कम कर दी बच्चों की आत्महत्याएं- आनंद चौधरी
जयपुर. राज्य सरकार राइट टू एजुकेशन (आरटीई) में बदलाव कर दोबारा परीक्षा प्रणाली लागू करने की तैयारी में है। कई लोगों का मानना है कि आरटीई के तहत किसी भी छात्र को फेल न करने की बाध्यता शिक्षा की गुणवत्ता को कम करती है और राज्य सरकार की पहल एक अच्छा कदम है। मगर इस सिक्के का एक दूसरा और उजला पहलू भी है। आरटीई के इसी फेल न करने की...
More »पश्चिम बंगाल-- रोजाना राज्य में 39 लोग करते हैं खुदकुशी
कोलकाता : देश के अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी रोजाना बड़ी संख्या में आपराधिक व राजनीतिक घटनाएं होती हैं, जिनमें कई लोगों की जान जाती हैं. पर उससे भी कहीं अधिक संख्या में लोग आत्महत्या कर रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े के अनुसार आत्महत्या करने के मामले में बंगाल देश में तीसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर तमिलनाडु व दूसरे स्थान...
More »आत्महत्याएं कभी झूठ नहीं बोलतीं!- चंदन श्रीवास्तव
पुराने समय में ‘कागद की लेखी' और ‘आंखिन की देखी' के बीच अकसर एक झगड़ा रहता था. कागद की कोई लिखाई जिंदगी की सच्चाई से मेल ना खाये, तो फिर कबीर सरीखा कोई ‘मति का धीर' पोथी में समाये ज्ञान से इनकार भी कर देता था. यह अघट तो आधुनिक समय में घटा कि प्रत्यक्ष को मानुष पर और मानुष को आवेगों पर निर्भर मान कर शंका के काबिल मान...
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