-बीबीसी, कोरोना के आने से पहले भी दुनिया भर में यह बहुत बड़ा सवाल था कि आनेवाले दिनों में रोज़गार कैसे मिलेगा, कहाँ मिलेगा और किस किसको मिलेगा? अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार पानेवाले दंपती अभिजीत बनर्जी और एस्टर डूफलो तो तभी कह चुके थे कि अब दुनिया भर की सरकारों को अपनी बड़ी आबादी को सहारा देने का इंतज़ाम करना पड़ेगा, क्योंकि सबके लिए रोज़गार नहीं रह पाएगा. बड़ी बहस इस बात पर...
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रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए कैच द रेन अभियान, संग्रहित होगी बारिश की हर बूंद
-वाटर पोर्टल, राष्ट्रीय जल मिशन ने मानसून से पहले वर्षा जल संग्रहण के ढांचों को तैयार करने हेतु राज्यों और हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए पैन इंडिया के आधार पर ‘‘कैच द रेन’’ अभियान शुरू किया था। फरवरी 2020 को ‘कैच द रेन, जहां वह गिरती है, जब वह गिरती है’’ टैगलाइन के साथ शुरू किए गए इस अभियान के अंतर्गत चेकडैम, वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स, रूफटाॅप बनाने के साथ-साथ चैकडैम,...
More »कोरोना लॉकडाउन : उत्तर प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे ठाकुरों के अत्याचार, पुलिस और प्रशासन नहीं दे रहे साथ
-कारवां, कोरोना महामारी से निपटने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के दलितों को दबंग जातियों, खासकर ठाकुरों, की हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है. इस दौरान शहरों में रोजगार खत्म हो गए हैं और लाखों लोग गांव तो लौट आए हैं लेकिन यहां इन्हें जातिवादी उत्पीड़न का शिकार होना पड़ रहा है. 12 जून को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट या आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में...
More »देश के कई इलाकों में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात, धान, सोयाबीन उड़द की फसल को बारिश का इंतजार
-गांव कनेक्शन, मानसून के शुरुआत में अच्छी बारिश के बाद देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हो रही है। जिसका असर धान, उड़द और सोयाबीन की फसल पर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में जहां धान लगाने वाले किसान परेशान हैं तो वहीं मध्य प्रदेश के जिला विदिशा, भोपाल, रायसेन और होसंगाबाद सहित कई जिलों के सोयाबीन किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के...
More »हिंदी पट्टी का रक्त-चरित्र; पिछले चार दशकों में ऐसे पनपी बाहुबली संस्कृति
-आउटलुक, “हिंदी प्रदेशों और खासकर सियासी तौर पर सबसे अहम उत्तर प्रदेश के सामाजिक-राजनैतिक तानेबाने में पिरोयी गैंगस्टर और बाहुबली संस्कृति पिछले चार दशकों में राजनीति के तौर-तरीकों का नतीजा” यकीनन अपने रंग-ढंग और सामाजिक परिस्थितियों में पुराने दौर के बागी डकैतों और आज के गैंगस्टर या डॉन वगैरह का चाल, चरित्र सब कुछ एकदम अलग है। लेकिन दोनों की जुबान पर आज भी वही गर्व से फबता है, जो सबसे लोकप्रिय...
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