नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...
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राज्यों को लुभाने का पैंतरा -- यश गोयल
केंद्र और राज्यों के मध्य बेहतर तालमेल और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 1990 में अंतर्राज्यीय परिषद का गठन हुआ था। वर्ष 2006 तक इसकी दस बैठकें हो चुकी थीं। गत जुलाई 16 को परिषद की 11वीं बैठक लगभग एक दशक बाद दिल्ली में बिना किसी ठोस निर्णय के पूर्ण हुई। जिसमें कई राज्य शामिल ही नहीं हुए। उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश सरकारों के खिलाफ भाजपा और केंद्र के हस्तक्षेप पर...
More »काला या गोरा, धन तो आया-- अनिल रघुराज
कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं. इसी तरह अपने यहां केंद्र सरकार की असली चाल-ढाल पहले दो-ढाई साल में ही दिख जाती है. बाद का आधा कार्यकाल तो अगले चुनावों का माहौल बनाने में चला जाता है. नरेंद्र मोदी सरकार के साथ तो यह भी दिक्कत है कि कार्यकाल के तीसरे साल में उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे अहम राज्यों के विधानसभा चुनाव होने...
More »पानी का खेल, कौन पास कौन फेल
चंडीगढ़, 6 अप्रैल (ट्रिन्यू) एसवाईएल विवाद पर हर बड़ी पार्टी के पंजाब के संदर्भ में अलग और हरियाणा के संदर्भ में अलग बयान हैं। कांग्रेस नेता कैप्टन अमरेंद्र की ही पार्टी के नेता और हरियाणा के पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव कहते हैं-इराडी ट्रिब्यूनल ने कुल पानी की मात्रा 18.28 एमएएफ बतायी थी और वही अंतिम आधार है जल की मात्रा के आकलन का। किस आधार पर पंजाब के सीएम...
More »10.69 करोड़ परिवार को 10 डिसमिल मयस्सर नहीं, कैसे मिलेगा 2022 तक सबको मकान
नई दिल्ली: जल जंगल और जमीन, ये हो जनता के अधीन। आधी दुनिया नारी है, जमीन में दावेदारी है......नारी उतरे खेत में, गूंज सारे देश में। जी हां जंतर-मंतर से उठती आवाजें। लगभग 10000 लोगों की भीड़। जिसमें महिलाओं की बहुत बड़ी संख्या। माईक का शोर,नारे की गूंज..ढ़ोल का थाप,तालियों की गड़गड़ाहट, चेहरे पर चिंता की लकीरें,संसद की ओर निहारतीं पथरीलि आंखे... लेकिन गांधी के रास्ते पर भरोसा..सत्याग्रह में आस्था...
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