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MP में इस चिड़िया के नाम पर हर साल क्यों खर्च हो रहे 10 करोड़, जानिए अभी

भोपाल. आखिरी बार एकमात्र सोन चिरैया 2011 में दिखाई दी थी। इस पक्षी की कोई हलचल न करेरा में है, न घाटीगांव में। मगर वन विभाग के अफसर मानने को राजी नहीं हैं। उन्हें उम्मीद है कि सोन चिरैया जहां भी होगी, अपने पारंपरिक घर ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जीआईबी) घाटीगांव में लौटकर जरूर आएगी। अब सबूत के तौर पर कहीं से आवाज ही सुनाई दे जाए इसके लिए हियरिंग एड्स,...

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डोमेस्टिक हेल्‍प को मिलेगा मिनिमम 9,000 रु. वेतन, नई पॉलिसी में छुट्टी के भी नियम

नई दिल्‍ली। डोमेस्टिक हेल्‍प के हितों की रक्षा के लिए सरकार एक नेशनल पॉलिसी तैयार कर रही है। इसके तहत कुशल फुल-टाइम डोमेस्टिक हेल्‍प के लिए कम से कम 9,000 रुपए की ‘मंथली सैलरी' का प्रस्‍ताव किया गया है। सैलरी के अलावा उन्‍हें सोशल सिक्‍युरिटी कवर और तय छुट्टियां भी मिलेंगी। ये छुट्टियां मालिकों के लिए बाध्‍यकारी होंगी। इस पॉलिसी के लागू होने से डोमेस्टिक हेल्‍प के लिए सर्विस सेक्‍टर...

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'एक बड़े पत्रकार, एक सच्चे मानवतावादी'-- अमित सेनगुप्ता

क़रीब दो हफ़्ते पहले की बात है, प्रफुल्ल बिदवई मछली खाना चाहते थे. उन्हें पता था कि मेरे पड़ोस में बंगाली खाने का कारोबार करने वाले सागर चटर्जी मेरे दोस्त हैं. चटर्जी ने साइकिल पर अपने कारोबार की शुरुआत की थी. सागर और उनकी पत्नी स्वादिष्ट पूर्वी बंगाली व्यंजन बनाते हैं. मैंने प्रफुल्ल को फ़ोन करके यहाँ खाने का न्योता दिया. उन्होंने बताया कि वो 'भारतीय वामपंथ की चुनौतियाँ' विषय पर अपनी...

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बस्तर में गिद्घ दिखाने वाले को मिलेगा दो हजार रुपए इनाम

जगदलपुर (ब्यूरो)। मृत मवेशियों को खाने वाले गिद्घ तीन साल से बस्तर में नजर नहीं आ रहे हैं। तेजी से विलुप्त हो रहे इस दुर्लभ पक्षी को संरक्षित करने के उद्देश्य से बस्तर के पशु चिकित्सा अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि संभाग में कहीं भी गिद्घ नजर आए तो खबर करें। गिद्घ दिखाने वाले को दो हजार रुपए पुरस्कार दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ वाइल्ड लाइफ सोसाइटी के अध्यक्ष व...

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उदयपुर में प्रवासी व स्थानीय पक्षियों को बचाने में जुटे हैं ग्रामीण

उदयपुर : दक्षिणी राजस्थान के एक छोटे से गांव मेनार में ग्रामीण, पर्यावरण संरक्षण की एक नयी दास्तां लिख रहे हैं, जहां उन्होंने न केवल गांव के दो तालाबों में मछली पकड़ने पर रोक लगायी है, बल्कि उन्हें पूरी तरह पक्षियों के लिए संरक्षित किया गया है. मेनार गांव के सरपंच ओंकार मेनारिया ने बताया कि गांव के लोग हमेशा से पर्यावरण के साथ-साथ गांव के दो तालाबों को प्रवासी...

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