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असल मुद्दों से डगमगाते रहे पूरे साल - मृणाल पांडे

साल 2015 विदा हो रहा है। इस साल भी हमारे नेता, अभिनेता, प्रतिपक्ष और समाज के पुरोधा असली मुद्दों पर कम, प्रतीकों के गिर्द ही अपनी नीतियां और रणनीतियां गढ़ते, झगड़ते रहे। ध्यान का केंद्र चाहे असेंबली चुनाव हों, या महिला सुरक्षा, बिगड़ते पर्यावरण से जुडे बाढ़-सुखाड़ हों अथवा सार्वजनिक परिवहन या विदेश नीति, जिस तरह उन पर संसद के भीतर-बाहर और टीवी पर्दों पर टकराव हुए, तलवारें चलीं, लगा...

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सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज

नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...

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मानवाधिकारों पर चंद खरी बातें - मृणाल पांडे

वर्ष 1950 में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने विश्व स्तर पर मानवाधिकारों की व्याख्या करते हुए विश्वयुद्धों से घायल दुनिया को 10 दिसंबर के दिन सालाना मानवाधिकार दिवस मनाने का संदेश दिया था। उस व्याख्या का मसौदा बाइबिल के बाद दुनिया का सबसे अधिक अनूदित दस्तावेज बताया जाता है। लेकिन मानवाधिकार दिवसों की छह दशक से लंबी श्रंखला और उस पर तमाम गहन चिंतन-मनन के बाद भी दुनिया में मानवाधिकारों की,...

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बहुत कठिन है डगर सुशासन की - एनके सिंह

बिहार की जनता ही नहीं, राजनीतिक विश्लेषक और देश का बुद्धिजीवी वर्ग भी बेहद उत्कंठा से देख रहा है कि नई नीतीश सरकार राज्य में कैसी चलेगी, इसकी गुणवत्ता कैसी होगी व इसका जीवन कितने दिनों का होगा। जिन सामाजिक, राजनीतिक और पारस्परिक विभेदों के बीच इस सरकार का जन्म हुआ, उन्हें और चुनाव के बाद के घटनाक्रमों को देखते हुए सकारात्मक पहलू कम नजर आते हैं। खतरा सिर्फ 26...

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ताकि बदले औरतों का हाल-- मरियाना बाबर

साउथ एशिया वुमैन'स नेटवर्क (स्वान) दक्षिण एशिया के नौ देशों की विदुषियों, महिला सांसदों, नेत्रियों, विशेषज्ञों और महिला कार्यकर्ताओं का एक संगठन है। ये नौ देश हैं-अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका। यह संगठन मुख्यतः पर्यावरण, कला और साहित्य, शांति, स्वास्थ्य, पोषण और खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, शिल्प और वस्त्र, वित्त, आजीविका और उद्यम विकास तथा मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर अपना ध्यान केंद्रित करता है।...

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